- आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था महामारी से हुए भारी नुकसान से उबर रही है
- संकट से निपटने के लिए भी कदम उठाए गए हैं
- उन्होंने कहा कि अगले साल का बजट सावधानीभरा होने की उम्मीद है
मुंबई : वित्त वर्ष 2021-22 का आम बजट बनाने की कवायद के बीच भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को कहा कि अगला बजट सावधानीभरा और वृद्धि को गति देने वाला रहने की उम्मीद है। दास वित्त मंत्रालय में विभिन्न पदों पर काम कर चुके हैं और करीब 10 आम बजट बनाने में उनकी सीधी भागीदारी रही है। इसमें से एक बजट वैश्विक वित्तीय संकट के बाद का था। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी से उपजी अभूतपूर्व परिस्थितियों और अर्थव्यवस्था पर पड़े इसके असर के बावजूद सरकार ने राजकोषीय मितव्ययता को बनाए रखा है। इसके साथ ही संकट से निपटने के लिए भी कदम उठाए हैं।
मौद्रिक नीति की घोषणा के बाद मीडिया से बातचीत में दास ने कहा कि स्वाभाविक तौर पर जब भारतीय अर्थव्यवस्था महामारी से हुए भारी नुकसान से उबर रही है, अगले बजट को वृद्धि को समर्थन देने वाला होना चाहिए। इसी के साथ यह भी ध्यान रखना चाहिए कि इस साल भी सरकार ने जिन राजकोषीय उपायों की घोषणा की है, मेरे विचार से बहुत ही नापतौल कर सही लक्ष्य को ध्यान में रखकर उठाए गए कदम हैं। इन्हें बहूत ही विवेक के साथ तैयार किया गया है। उन्होंने कहा कि महामारी की शुरुआत में लग रहा था कि सरकार का राजकोषीय घाटा बेहताशा बढ़ेगा लेकिन यह नियंत्रण से बाहर नहीं गया।
दास ने कहा कि मेरा मानना है कि महामारी से निपटने के लिए सरकार के प्रयास बहूत विवेकपूर्ण हैं। इसलिए मुझे अगले साल का बजट सावधानीभरा होने की उम्मीद है। और स्वाभाविक तौर पर इसे वृद्धि उन्मुखी होना चाहिए। यह ऐसा कुछ जिसे करना ही होगा। इसे अर्थव्यवस्था को संबल प्रदान करने वाला अच्छा बजट होना होगा।
द्विमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुए दास ने कहा कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में वृद्धि दर के सकारात्मक रहने का अनुमान है। पूरे वित्त वर्ष में आर्थिक संकुचन 7.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है यह उसके पिछले 9.5 प्रतिशत की गिरावट के अनुमान से कम है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में देश की अर्थव्यवस्था में 23.9 प्रतिशत और दूसरी तिमाही में 7.5 प्रतिशत की गिरावट रही थी। अगले वित्त वर्ष 2021-22 का बजट एक फरवरी को पेश किए जाने की संभावना है।