- केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने इनकम टैक्स नियमों में बदलाव किया है।
- अब कर्मचारी कुछ खास मामलों में इनकम टैक्स से छूट का दावा कर सकते हैं
- नई टैक्स व्यवस्था उन व्यक्तियों के लिए है, जो कुछ कटौती या छूट का लाभ नहीं उठा रहे हैं
Income tax rules Change : सरकार ने नई टैक्स व्यवस्था के तहत कर्मचारियों के लिए कई सुविधाएं दी हैं। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने इनकम टैक्स नियमों में बदलाव किया है। जिससे नई टैक्स व्यवस्था के तहत कर्मचारियों को नियोक्ताओं (जिस संस्थान या कंपनी में आप काम करते हैं) से प्राप्त यात्रा भत्ते पर इनकम टैक्स से छूट का दावा करने की सुविधा मिल गई है। अब कर्मचारी कुछ खास मामलों में इनकम टैक्स से छूट का दावा कर सकते हैं।
यात्रा या ट्रांसफर के मामले में आने-जाने के खर्च के लिए दिया गया भत्ता, यात्रा की अवधि के दौरान दिया गया कोई अन्य भत्ता, सामान्य कार्यस्थल से अनुपस्थिति की स्थिति में एक कर्मचारी को दैनिक खर्च पूरा करने के लिए दिया जाने वाला भत्ता आदि शामिल है। इनके अलावा यदि नियोक्ता फ्री आने-जाने की सुविधा नहीं प्रदान कर रहे हों, तो रोजाना काम पर आने-जाने के खर्च के लिए दिए जाने वाले भत्ते पर भी आयकर से छूट का दावा किया जा सकता है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2020-21 के बजट में लोगों को इनकम टैक्स की एक वैकल्पिक रेट की पेशकश करते हुए नई टैक्स इनकम टैक्स व्यवस्था का प्रस्ताव किया था।
- 2.5 लाख रुपए तक की सालाना आय पर टैक्स से छूट मिलती है।
- 2.5 लाख रुपए से 5 लाख रुपए की आय पर 5% की दर से इनकम टैक्स का भुगतान करना होगा।
- 05 से 7.5 लाख रुपए के बीच की आय पर 10% की दर से इनकम टैक्स का भुगतान करना होगा।
- 7.5 से 10 लाख रुपए के बीच की आय पर 15% की दर से इनकम टैक्स का भुगतान करना होगा।
- 10 से 12.5 लाख रुपए सालाना कमाने वालों पर 20% की दर से इनकम टैक्स का भुगतान करना होगा।
- 12.5 रुपए से 15 लाख रुपए की सालाना कमाई पर 25% की दर से इनकम टैक्स का भुगतान करना होगा।
- 15 लाख रुपए से अधिक की आय पर 30% की दर से इनकम टैक्स का भुगतान करना होगा।
सीबीडीटी ने यह भी स्पष्ट किया कि अनुलाभ के मूल्य का निर्धारण करते समय नियोक्ता द्वारा प्रदत्त वाउचर (पेड) के माध्यम से मुफ्त भोजन और गैर-मादक पेय के संबंध में कोई छूट नहीं मिलेगी। इसके अलावा, नेत्रहीन, मूक, बधिर अथवा हड्डियों से दिव्यांग कर्मचारी 3,200 रुपए प्रति माह के परिवहन भत्ते में छूट का दावा कर सकते हैं।
नई टैक्स व्यवस्था उन व्यक्तियों के लिए है, जो कुछ कटौती या छूट का लाभ नहीं उठा रहे हैं। नांगिया एंड कंपनी एलएलपी के पार्टनर शैलेष कुमार ने कहा कि इस अधिसूचना में यह भी माना गया है कि दिव्यांग लोगों के कार्यस्थल आने-जाने की सुविधा मुहैया कराना नियोक्ताओं की जिम्मेदारी है। इसी कारण इस मद को नई व्यवस्था में भी छूट दी गई है।