- रेलवे ने 44 सेमी-हाई स्पीड वंदे भारत ट्रेनों के निर्माण का टेंडर रद्द कर दिया है
- भारत-चीन तनाव के बीच इसे बीजिंग के लिए झटके के तौर पर देखा जा रहा है
- अब नई निविदा आमंत्रित की जाएगी, जिसमें घरेलू इकाई को वरीयता दी जाएगी
नई दिल्ली : रेलवे ने 44 सेमी-हाई स्पीड वंदे भारत ट्रेनों के निर्माण की निविदा रद्द कर दी है, जिसे चीन के लिए एक बड़े झटके के तौर पर देखा जा रहा है। रेलवे ने इसके लिए जो निविदा आमंत्रित की थी, उसके छह दावेदारों में से एक चीनी संयुक्त उद्यम CRRC-पायनियर इलेक्ट्रिक (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड एकमात्र विदेशी दावेदावर के रूप में सामने आया था।
रेलवे ने किया ट्वीट
यह संयुक्त उद्यम वर्ष 2015 में चीनी कंपनी सीआरआरसी योंगजी इलेक्ट्रिक कंपनी लिमिटेड और गुरुग्राम की पायनियर इलेक्ट्रिक (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड के बीच बना था। निविदा रद्द किए जाने की जानकारी रेल मंत्रालय ने एक ट्वीट कर दी, जिसमें कहा गया, '44 सेमी-हाई स्पीड ट्रेनों (वंदे भारत) के निर्माण की निविदा रद्द कर दी गई है। संशोधित सार्वजनिक खरीद ('मेक इन इंडिया' को वरीयता) आदेश के अंतर्गत एक सप्ताह के भीतर नई निविदा आमंत्रित की जाएगी।'
घरेलू इकाई को वरीयता
रेलवे ने अपने ट्वीट में हालांकि निविदा रद्द किए जाने का कोई खास कारण नहीं बताया है और न ही चीन का नाम लिया है, पर बताया जा रहा है कि जैसे ही यह महसूस किया गया कि चीनी संयुक्त उद्यम दौड़ में सबसे आगे है इसे निरस्त करने का फैसला लिया गया। सूत्रों के अनुसार, रेलवे यह सुनिश्चित करना चाहता है कि यह टेंडर किसी पूर्ण घरेलू इकाई को ही हासिल हो।
यहां उल्लेखनीय है कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारत और चीन के साथ तनाव की स्थिति पिछले करीब चार माह से बनी हुई है। इससे पहले रेलवे ने कोविड-19 निगरानी के लिए थर्मल कैमरा की आपूर्ति के लिए भी एक टेंडर भी उस वक्त रद्द कर दिया था, जब एक भारतीय कंपनी ने निविदा विनिर्देशों को चीनी कंपनी के पक्ष में होने का आरोप लगाया था।