- वाल स्ट्रीट जर्नल में छपी रिपोर्ट के बाद कांग्रेस और बीजेपी में तनातनी
- कांग्रेस ने फेसबुक पर हेट कंटेंट को बढ़ावा देने का लगाया है आरोप
- आईटी मामलों की स्थाई समिति के अध्यक्ष शशि थरूर ने फेसबुक अधिकारियों को तलब भी किया है
नई दिल्ली। भारत में इस समय फेसबुक को लेकर बीजेपी और कांग्रेस में घमासान छिड़ा हुआ है। कांग्रेस ने फेसबुक पर आरोप लगाया कि बीजेपी और आरएसस सोशल मीडिया के जरिए समाज में नफरत फैला रही है। इस संबंध में आईटी मामलों की स्थाई समिति के अध्यक्ष शशि थरूर ने न केवल फेसबुक की आलोचना की बल्कि सरकार को भी घेरा। शशि थरूर के आरोपों पर बीजेपी सांसद और समिति के सदस्य निशिकांत दुबे ने कहा कि थरूर अपना एजेंडा चला रहे हैं। लेकिन अब फेसबुक ने साफ कर दिया है कि भारत में उनका किसी भी दल से नाता नहीं है। जहां तक कंटेंट पॉलिसी है वो पूरी तरह निष्पक्ष है।
भारत में किसी भी दल से नाता नहीं
फेसबुक का कहना है कि वह नेताओं द्वारा पोस्ट किए गए आपत्तिजनक कंटेंट को अपने प्लेटफॉर्म से हटाने का काम जारी रखेगी। वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट में आरोप लगाया गया था कि फेसबुक की कंटेंट पॉलिसीज का भारत में बिना भेदभाव के पालन नहीं हो रहा है और बीजेपी पर नरमी बरती जा रही है। इसके बाद से बीजेपी और कांग्रेस एक दूसरे पर निशाना साध रहे हैं।
हेट कंटेंट को नहीं देते हैं बढ़ावा
फेसबुक इंडिया ने वाइस प्रेसिडेंट और मैनेजिंग डायरेक्टर अजीत मोहन का कहना है कि फेसबुक एक खुला और पारदर्शी प्लेटफॉर्म है और वह किसी पक्ष या विचारधारा का समर्थन नहीं करता है। पिछले कुछ दिनों के दौरान नीतियों को लागू करने में पक्षपात करने का आरोप लगा है। लेकिन वो साफ करना चाहते हैं कि इस तरह के आरोपों में दम नहीं है दूसरी तरफ फेसबुक नफरत और कट्टरता के हर रूप की निंदा करता है।
फेसबुक की नीति है निष्पक्ष
उन्होंने कहा कि फेसबुक की निष्पक्ष नीति रही है और वह कम्युनिटी स्टैंडर्ड्स का सख्ती से पालन करता है। उन्होंने कहा, 'हम पूरी दुनिया में इन पॉलिसीज को लागू करते हैं और इसमें किसी की राजनीतिक स्थिति, विचारधारा या धार्मिक और सांस्कृतिक विश्वास की परवाह नहीं करते हैं। सूचना प्रौद्योगिकी (IT) पर संसद की स्थायी समिति के अध्यक्ष शशि थरूर ने फेसबुक के प्रतिनिधियों को 2 सितंबर को इस मुद्दे पर अपना पक्ष रखने के लिए बुलाया है। इस पर बीजेपी ने थरूर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था।