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विकास की ओर भारत के बढ़ते कदम, 2025 तक इतनी होगी नेशनल हाईवे और रेल लाइनों की लंबाई: रिपोर्ट

Updated Aug 25, 2022 | 13:44 IST

बैंक ऑफ अमेरिका सिक्योरिटीज इंडिया ने एक रिपोर्ट में बताया है कि साल 2025 तक देश में राष्ट्रीय राजमार्गों और रेलवे लाइनों की लंबाई कितनी हो सकती है।

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तस्वीर साभार:&nbspBCCL
2025 तक इतनी होगी हाईवे और रेल लाइनों की लंबाई: रिपोर्ट

नई दिल्ली। भारत में साल 2025 के अंत तक ज्यादा राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway) और रेल लाइनों (Rail Line) का निर्माण होगा। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 1950 और 2015 के बीच जितने नेशनल हाईवे और रेल लाइनों का निर्माण हुआ था, अब उससे ज्यादा होगा। बैंक ऑफ अमेरिका सिक्योरिटीज इंडिया ने एक रिपोर्ट में कहा कि राष्ट्रीय राजमार्गों की कुल लंबाई 1.8 लाख किलोमीटर तक पहुंचने की उम्मीद है, जबकि 2025 तक रेलवे लाइनों की लंबाई 1.2 लाख किलोमीटर तक पहुंचने की उम्मीद है।

दोगुनी से भी ज्यादा होगी राजमार्ग की लंबाई!
साल 1950 और 2015 के बीच, भारत में सिर्फ 4,000 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण हुआ था, जिससे 2015 में कुल लंबाई 77,000 किलोमीटर हो गई। वहीं 2025 तक राजमार्ग की लंबाई 1.8 लाख किलोमीटर को पार करने की दिशा में है, यानी मौजूदा लंबाई से दोगुनी से भी अधिक।

इतना बढ़ सकता है रेल नेटवर्क
जब रेल नेटवर्क की बात आती है, तो देश में 1950 में केवल 10,000 किलोमीटर की रेल लाइनें थीं, जो 2015 में बढ़कर 63,000 किलोमीटर हो गईं। लेकिन रिपोर्ट में कहा गया है कि 2025 में इसके 1.2 लाख किलोमीटर को छूने की उम्मीद है।

पोर्ट क्षमता भी हो सकती है दोगुनी
1995 में पोर्ट क्षमता सिर्फ 777 MTPA थी, 2015 में यह बढ़कर 1,911 एमटीपीए हो गई और 2025 तक यह दोगुना से भी अधिक, 3,000 एमटीपीए हो जाएगी। देश 2015 से हाईवे और रेलवे जैसे सेक्टर में ट्रांसपोर्ट और इंफ्रास्ट्रक्चर क्षमता में तेजी से वृद्धि कर रहा है।

विकास की ओर भारत के बढ़ते कदम
2015 में 56 फीसदी से 2021 में रसोई गैस कवरेज 100 फीसदी तक पहुंच गई है। अब 96 फीसदी घरों में बिजली की पहुंच है, जो 2000 में सिर्फ 56 फीसदी के पास थी। नल के पानी का कवरेज अब 52 फीसदी है, जो 2015 में 13 फीसदी था। 2024 तक यह 100 फीसदी कवरेज होने की संभावना है। पाइप्ड गैस कनेक्शन 2015 में 2.5 मिलियन से अब 10 मिलियन पर है। रिपोर्ट में कहा गया है कि किफायती ग्रामीण आवास 2015 में 10 लाख से बढ़कर अब 25 मिलियन हो गया है।

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