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भारतीय अर्थव्यवस्था में होगी 5% की गिरावट, चीन और अमेरिका क्या रहेगा हाल, फिच रेटिंग्स ने कही ये बात

Indian economy to fall by 5% in current fiscal year
Updated May 27, 2020 | 11:04 IST

Economy News : कोरोना वायरस वजह से लागू लॉकडाउन के बीच भारत और दुनिया की अर्थव्यवस्था को लेकर फिच रेटिंग्स ने ये अनुमान लगाया है।

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Indian economy to fall by 5% in current fiscal yearIndian economy to fall by 5% in current fiscal year
भारतीय अर्थव्यवस्था में होगी 5% की गिरावट,
मुख्य बातें
  • फिच ने चालू वित्त वर्ष (2020-21) में भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए रेटिंग्स जारी की
  • फिच ने चीन और अमेरिकी अर्थव्यवस्था को लेकर भी अनुमान व्यक्त किया है
  • फिच ने कहा कि सबसे अधिक कटौती भारत की वृद्धि दर में की गई है

नई दिल्ली : फिच रेटिंग्स ने चालू वित्त वर्ष (2020-21) में भारतीय अर्थव्यवस्था में पांच प्रतिशत की गिरावट का अनुमान लगाया है। फिच ने कहा कि कोरोना वायरस की वजह से देश में सख्त लॉकडाउन नीति लागू की गई है। इससे आर्थिक गतिविधियों में जबरदस्त गिरावट आई, जिसका सीधा असर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर पर पड़ेगा। इससे पहले फिच ने अप्रैल में अनुमान लगाया था कि चालू वित्त वर्ष में भारत की जीडीपी की वृद्धि दर 0.8 प्रतिशत रहेगी। अब फिच ने अपने इस अनुमान को काफी अधिक घटा दिया है।

2019-20 में भारत की वृद्धि दर  रहेगी 3.9 प्रतिशत
रेटिंग एजेंसी ने मंगलवार को मई के अपने ताजा वैश्विक आर्थिक परिदृश्य (जीईओ) में कहा है कि अगले वित्त वर्ष यानी 2021-22 में भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार आएगा और यह 9.5 प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल करेगी। फिच का अनुमान है कि बीते वित्त वर्ष 2019-20 में भारत की वृद्धि दर 3.9 प्रतिशत रहेगी। रेटिंग एजेंसी ने वैश्विक जीडीपी की वृद्धि दर के अनुमान में भी कटौती की है। लेकिन साथ ही कहा कि वैश्विक आर्थिक गतिविधियों में गिरावट अब धीरे-धीरे समाप्त हो रही है।

सबसे अधिक कटौती भारत की वृद्धि दर में 
फिच ने कहा कि सबसे अधिक कटौती भारत की वृद्धि दर में की गई है। चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था में पांच प्रतिशत की भारी गिरावट आएगी। पहले भारतीय अर्थव्यवस्था में 0.8 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया गया था। रेटिंग एजेंसी ने कहा कि 2020 में वैश्विक जीडीपी में गिरावट में मुख्य योगदान चीन को छोड़कर अन्य उभरते बाजारों का रहेगा। भारत और रूस में जहां वृद्धि दर पांच प्रतिशत गिरेगी, वहीं ब्राजील और मेक्सिको में इसमें 6-7 प्रतिशत की गिरावट आएगी। फिच ने कहा कि यह अप्रैल के मध्य से कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों तथा उसे फैलने से रोकने के लिए किए गए उपायों को दर्शाता है।

भारत में काफी सख्त लॉकडाउन नीति
फिच ने कहा कि भारत में काफी सख्त लॉकडाउन नीति लागू की गई है। इसके अलावा राष्ट्रव्यापी प्रतिबंध उम्मीद से कहीं अधिक लंबे खिंच गए हैं। जो आर्थिक गतिविधियों के आंकड़े आ रहे हैं, वे बहुत ज्यादा कमजोर हैं। फिच ने कहा कि चालू वित्त वर्ष की पहली दो तिमाहियों अप्रैल-जून और जुलाई-सितंबर में भारतीय अर्थव्यवस्था में क्रमश: सालाना आधार पर 2.7 प्रतिशत और 12.4 प्रतिशत की गिरावट आएगी। हालांकि जनवरी-मार्च की तिमाही में वृद्धि दर 1.2 प्रतिशत रहेगी। रेटिंग एजेंसी ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में वृद्धि दर में गिरावट की प्रमुख वजह उपभोक्ता खर्च में 8.3 प्रतिशत की कमी और निश्चित निवेश में 9.7 प्रतिशत की गिरावट रहेगी।

वैश्विक वृद्धि दर में 4.6 प्रतिशत की गिरावट की संभावना
फिच ने वैश्विक वृद्धि दर के अनुमान को भी घटाया है। फिच के मुख्य अर्थशास्त्री ब्रायन कुल्टन ने कहा कि वैश्विक वृद्धि दर में 4.6 प्रतिशत की गिरावट आएगी। अप्रैल में इसमें 3.9 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान लगाया गया था। यह यूरोक्षेत्र और ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर के अनुमान को और घटाने की वजह से है। इसके अलावा चीन को छोड़कर अन्य उभरती अर्थव्यवस्थाओं की वृद्धि दर के अनुमान को भी कम किया गया है। फिच का अनुमान है कि चीन को छोड़कर उभरती अर्थव्यवस्थाओं में चालू वित्त वर्ष में 4.5 प्रतिशत की गिरावट आएगी। हालांकि एजेंसी ने चीन, अमेरिका और जापान की वृद्धि दर के अप्रैल के अनुमान को (क्रमश: 0.7 प्रतिशत, -5.6 प्रतिशत और -5 प्रतिशत पर) कायम रखा है।

अमेरिका की बेरोजगारी की दर 20 प्रतिशत पहुंचने का अनुमान
फिच ने कहा कि दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाओं को सामान्य स्थिति में आने में काफी समय लगेगा। रेटिंग एजेंसी ने कहा कि मई में अमेरिका की बेरोजगारी की दर 20 प्रतिशत पर पहुंच जाने का अनुमान है। इसके अलावा मौजूदा सामाजिक दूरी दिशानिर्देशों की वजह से संकट के बाद भी उपभोक्ता खर्च तेजी से नहीं बढ़ेगा। वहीं कंपनियां पूंजीगत खर्च करते समय काफी सावधानी बरतेंगी।

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