- उद्योगपति पालोनजी शापूरजी मिस्त्री की बेटी के साथ धोखाधड़ी हुई
- उसके बैंक अकाउंट से फ्रॉड के जरिए 90,000 रुपए निकाले गए
- मुंबई पुलिस ने साइबर धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है
मुंबई : आम आदमी के बैंक खातों से फ्रॉड के मामले लगातार सुनने को मिलते रहे हैं। हाल ही में एक आरटीआई के मुताबिक इस साल अप्रैल, मई और जून में सरकारी बैंकों से 19964 करोड़ रुपए के फ्रॉड होने का खुलासा हुआ। लेकिन देश के उद्योगपति के साथ बैंक फ्रॉड (bank fraud) हो तो सोचने को मजबूर होना पड़ता है। खबर है कि उद्योगपति पालोनजी शापूरजी मिस्त्री (Pallonji Shapoorji Mistry) की 62 साल की बेटी के अकाउंट से किसी अज्ञात व्यक्ति ने धोखाधड़ी (fraud) के जरिए 90,000 रुपए निकाल लिए।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि इस संबंध में दक्षिण मुंबई के कोलाबा पुलिस थाने में साइबर धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है। अधिकारी ने कहा कि घटना जुलाई में सामने आयी जब मिस्त्री की कंपनियों के डिप्टी जेनरल मैनेजर (अकाउंट) जयेश मर्चेंट को बैंक खाते से रकम निकाले जाने का संदेश फोन पर मिला।
मिस्त्री ने 2018 में अपनी कंपनी के निदेशक फिरोज भटेना को उनके खाते में वित्तीय लेनदेन की देखरेख करने के लिए अधिकृत किया था। भटेना ने यह काम मर्चेंट को सौंप दिया। बैंक से लेनदेन पर अलर्ट भेजने के लिए भटेना का नंबर दिया गया। यह खाता लैला रुस्तम जहांगीर का है। वह मिस्त्री की दो बेटियों में से एक हैं। लैला दुबई में रहती हैं और उन्होंने अपने नाम के खाते को चलाने का जिम्मा अपने पिता को दिया है।
अधिकारी ने कहा कि बैंक खाता काफी पुराना है और आम तौर पर लेनदेन चेक से ही होता है। लेकिन 90,000 रुपए की निकासी का संदेश मिलने के बाद मर्चेंट ने बैंक से इसकी जानकारी ली। यह निकासी कई किस्तों में डेबिट कार्ड से की गई।
इस संबंध में मर्चेंट की शिकायत पर भारतीय दंड संहिता की धारा 420 और इंफोर्मेशन टैक्नोलॉजी अधिनियम की धारा 66सी (पहचान चोरी करना) और धारा 66डी (कंप्यूटर का इस्तेमाल करके किसी और के नाम से धोखाधड़ी करना) के तहत कोलाबा थाने में मामला दर्ज किया गया है।
गौर हो कि शापूरजी पलोनजी समूह ने मंगलवार को टाटा से 70 साल पुराने संबंधों को खत्म करने का ऐलान कर लिया। एसपी समूह की टाटा संस में 18.37 प्रतिशत हिस्सेदारी है और वह इसमें सबसे बड़ा अल्पांश हिस्सेदार है, टाटा संस समूचे टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी है।