- रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ग्लोबल ने हाल ही में पाकिस्तान की दीर्घकालिक रेटिंग को कम किया था।
- इस स्थिर से कम करके नकारात्मक कर दिया गया था।
- भविष्य में सुधार की संभावनाएं राजनीतिक स्थिरता और व्यापक आर्थिक स्थितियों पर निर्भर: एसएंडपी।
नई दिल्ली। भारत का पड़ोसी देश श्रीलंका (Sri Lanka) कई दिनों से आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है। इस बीच पाकिस्तान (Pakistan) की भी चर्चा हो रही है। कहा जा रहा है कि श्रीलंका जैसे हालात पाकिस्तान में भी हो सकते हैं। दरअसल पाकिस्तान में महंगाई से जनता बेहाल है। पड़ोसी मुल्क की सरकार महंगाई पर काबू पाने की कोशिश कर रही है, लेकिन आंकड़े बताते हैं कि पिछले महीने यानी जुलाई 2022 में पाकिस्तान में इन्फ्लेशन और बढ़ गई है।
जुलाई में इतनी बढ़ी महंगाई
पाकिस्तान का उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) एक साल पहले इसी महीने की तुलना में जुलाई में सालाना आधार पर 24.9 फीसदी बढ़ा, जबकि पिछले साल यह 8.4 फीसदी दर्ज किया गया था। आधिकारिक आंकड़ों में इसकी जानकारी दी गई है। समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान सांख्यिकी ब्यूरो (PBS) के आंकड़ों से पता चला है कि महीने-दर-महीने आधार पर, जुलाई में सीपीआई में 4.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि जून में 6.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
इस कारण बढ़ी मुद्रास्फीति
आंकड़ों में कहा गया है कि उच्च मुद्रास्फीति खाद्य और गैर-खाद्य वस्तुओं की बढ़ती कीमतों से जुड़ी है, जिसमें खाना पकाने के तेल, सब्जियां, दालें, गेहूं, चावल, दूध, बिजली शुल्क, मोटर ईंधन, निर्माण इनपुट आइटम और मोटर वाहन सामान शामिल हैं।
सरकार कर रही है प्रयास
देश में बढ़ती महंगाई को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने रविवार को पेट्रोल की कीमत में 3.05 पीकेआर प्रति लीटर की कमी करने की घोषणा की थी। हालांकि, आर्थिक विशेषज्ञों का कहना है कि भारी कटौती का देश में आसमान छूती महंगाई पर बहुत कम असर पड़ेगा।
2024 में कम हो सकती है मुद्रास्फीति की दर
इससे पहले जुलाई में, स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान ने महत्वपूर्ण आपूर्ति के कारण 2023 के चालू वित्तीय वर्ष के दौरान मुद्रास्फीति के उच्च रहने का अनुमान लगाया था और कहा था कि 2024 के वित्तीय वर्ष में मुद्रास्फीति की दर में तेजी से गिरावट आएगी।
(एजेंसी इनपुट के साथ)