- दिल्ली में महंगाई दर पांच महानगरों में सबसे कम रही: Manish Sisodia
- महामारी के दौरान केजरीवाल सरकार ने कीमतों को नियंत्रण में रखा।
- उन्होंने कहा, दिल्ली सरकार वस्तुओं की कीमतों को नियंत्रित करने और स्थिर करने के प्रयास करती है।
Delhi Inflation: दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने शुक्रवार को कहा कि 2020-21 में दिल्ली में महंगाई दर पांच महानगरों में सबसे कम रही। उन्होंने दावा किया कि केजरीवाल सरकार (Kejriwal Government) ने कोविड-19 (Coronavirus) के दौरान भी दिल्ली में कीमतों को नियंत्रण में रखा। उन्होंने कहा कि दिल्ली अन्य शहरों की तुलना में रहने के लिए अधिक किफायती है और शहर में खाद्य कीमतें देश में 'सबसे कम' हैं।
केवल तीन फीसदी रही वार्षिक मुद्रास्फीति वृद्धि दर
अर्थशास्त्र और सांख्यिकी निदेशालय द्वारा तैयार वार्षिक मूल्य सूचकांक रिपोर्ट जारी करते हुए, सिसोदिया ने कहा कि 2020-21 में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) के आधार पर औसत वार्षिक मुद्रास्फीति वृद्धि दर राष्ट्रीय स्तर पर पांच फीसदी की तुलना में दिल्ली में केवल तीन फीसदी रही।
अन्य महानगरों में इतनी रही महंगाई दर
सिसोदिया दिल्ली के वित्त मंत्री भी हैं। उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार ने कोविड-19 के दौरान भी दिल्ली में मुद्रास्फीति को नियंत्रण में रखने के लिए 'कुशल' प्रबंधन किया और यहां महंगाई दर पांच महानगरों में सबसे कम रही। सिसोदिया ने कहा, '2020-21 में, दिल्ली में मुद्रास्फीति में वृद्धि 3.0 फीसदी थी, जबकि कोलकाता, चेन्नई, मुंबई और बेंगलुरु में यह क्रमशः 4.6 फीसदी, 4.4 फीसदी, 4.1 फीसदी और चार फीसदी दर्ज की गई।'
आवश्यक वस्तुओं की कीमतों पर सरकार की नजर
उन्होंने कहा कि, 'केजरीवाल सरकार द्वारा समय पर अपनाए गए उपायों ने दिल्ली में वस्तुओं की कीमतों को कोविड-19 अवधि के दौरान स्थिर रखा और अधिक वृद्धि नहीं हुई।' उपमुख्यमंत्री ने कहा, 'सरकार आवश्यक वस्तुओं की कीमतों पर लगातार नजर रख हुए है।' उन्होंने कहा कि खाद्य कीमतों से संबंधित राष्ट्रीय मुद्रास्फीति दर 5.7 फीसदी रही जबकि दिल्ली में यह केवल 4.1 फीसदी दर्ज की गई जो देश में सबसे कम है।
सिसोदिया ने रेखांकित किया कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आवास सूचकांक में वित्त वर्ष 2020-21 में भारत में 5.2 फीसदी की वृद्धि देखी गई, लेकिन दिल्ली में यह केवल 3.9 फीसदी रही। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार नियमित अंतराल पर बाजार के हस्तक्षेप के माध्यम से वस्तुओं की कीमतों को नियंत्रित करने और स्थिर करने के प्रयास करती है।