नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ED) मनी लॉन्ड्रिंग मामले में चीनी कंपनियों के परिसरों की तलाशी जारी रखे हुआ है, ऐसे में भारत में चीनी दूतावास के काउंसलर और प्रवक्ता वांग शियाओजियान ने कहा कि भारतीय अधिकारियों द्वारा लगातार जांच की जा रही है। इससे भारत में निवेश करने के लिए चीन सहित अन्य देशों की बाजार संस्थाओं के विश्वास और इच्छा ठंडी पड़ जाएगी। उन्होंने कहा कि चीन-भारत आर्थिक और व्यापार सहयोग का सार पारस्परिक लाभ और जीत के परिणामों पर आधारित है।
झाओ ने बुधवार देर रात एक बयान में कहा, "चीनी सरकार ने हमेशा चीनी कंपनियों को अपने विदेशी परिचालन में स्थानीय कानूनों और विनियमों का पालन करने के लिए कहा है और चीनी कंपनियों को उनके वैध अधिकारों और हितों को बनाए रखने के लिए मजबूती से समर्थन करेगी।" उन्होंने कहा, "भारतीय पक्ष को कानूनों और विनियमों के अनुरूप कार्य करना चाहिए और चीनी फर्मों के लिए एक निष्पक्ष और गैर-भेदभावपूर्ण कारोबारी माहौल प्रदान करना चाहिए।"
भारत से भाग गए वीवो से जुड़ी कुछ कंपनियों के निदेशक
ईडी ने मंगलवार और बुधवार को 22 राज्यों में 44 ठिकानों पर छापेमारी की तो वीवो से जुड़ी कुछ कंपनियों के निदेशक भारत से भाग गए। सूत्रों के अनुसार, हिमाचल प्रदेश की एक कंपनी सोलन के दो चीनी निदेशक, जो वीवो से जुड़े थे, संभवत: भारत से भाग गए, क्योंकि ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग की रोकथाम का मामला दर्ज किया था।
10,000 करोड़ के मनी लॉन्ड्रिंग की जानकारी
नकली दस्तावेजों के साथ चीनी नागरिकों को भारतीय संस्थाओं में निदेशक बनाया गया था। ईडी के सूत्रों के मुताबिक, प्रवर्तन एजेंसी को अब तक छापेमारी के दौरान 10,000 करोड़ रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग की जानकारी मिली है।
CBI भी कर रही है जांच
चीनी दूतावास के प्रवक्ता ने कहा, "भारतीय अधिकारियों द्वारा चीनी उद्यमों में लगातार जांच न केवल सामान्य व्यावसायिक गतिविधियों को बाधित करती है और सद्भवना को नुकसान पहुंचाती है, बल्कि भारत में कारोबारी माहौल के सुधार में भी बाधा डालती है।" सीबीआई भी मामले की जांच कर रही है और एक अलग प्राथमिकी दर्ज की है।
अप्रैल में जब्त किए गए थे 5,551.27 करोड़ रुपये
वीवो ने पहले कहा था कि वह उन्हें सभी आवश्यक जानकारी प्रदान करने के लिए अधिकारियों के साथ सहयोग कर रहा है। कंपनी के प्रवक्ता ने कहा, "एक जिम्मेदार कॉर्पोरेट के रूप में हम कानूनों का पूरी तरह से पालन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।" अप्रैल में ईडी ने कंपनी द्वारा किए गए अवैध जावक प्रेषण के संबंध में विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के प्रावधानों के तहत बैंक खातों में पड़े 5,551.27 करोड़ रुपये जब्त किए थे।