- जियो प्लेटफॉर्म लिमिटेड और SES के बीच साझेदारी हुई है।
- संयुक्त उद्यम का नाम जियो स्पेस टेक्नोलॉजी लिमिटेड होगा।
- नया संयुक्त उद्यम मल्टीगीगाबिट ब्रॉडबैंड के विकास को तेज करेगा: आकाश अंबानी।
नई दिल्ली। अरबपति मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) के नियंत्रण वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (Reliance Industries Limited, RIL) की डिजिटल सर्विस शाखा जियो प्लेटफॉर्म्स लिमिटेड (Jio Platforms Limited, JPL) और लक्जमबर्ग स्थित वैश्विक सैटेलाइट आधारित कंटेंट कनेक्टिविटी समाधान प्रदाता एसईएस (Luxembourg-based SES), ने 14 फरवरी को एक संयुक्त उद्यम के गठन की घोषणा की, जिसका नाम होगा जियो स्पेस टेक्नोलॉजी लिमिटेड (Jio Space Technology Limited)।
जियो के पास 51 फीसदी हिस्सेदारी
JPL और SES के पास संयुक्त उद्यम में क्रमशः 51 फीसदी और 49 फीसदी इक्विटी हिस्सेदारी होगी। संयुक्त उद्यम मल्टी-ऑर्बिट स्पेस नेटवर्क का उपयोग करेगा जो कि जियोस्टेशनरी (GEO) और मीडियम अर्थ ऑर्बिट (MEO) सैटेलाइट कॉन्स्टिलेशन का एक संयोजन है। यह उद्यमों, मोबाइल बैकहॉल और रिटेल ग्राहकों को मल्टी-गीगाबिट लिंक और क्षमता प्रदान करने में सक्षम होगा।
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मल्टीगीगाबिट ब्रॉडबैंड में वृद्धि को मिलेगी रफ्तार: आकाश अंबानी
इस संदर्भ में जियो के निदेशक आकाश अंबानी (Akash Ambani) ने एक बयान में कहा कि, 'हम अपने फाइबर-आधारित कनेक्टिविटी और FTTH (फाइबर टू होम) कारोबार का विस्तार करना जारी रखते हैं और 5G में निवेश करते हैं। SES के साथ यह नया संयुक्त उद्यम मल्टीगीगाबिट ब्रॉडबैंड के विकास को और तेज करेगा। अतिरिक्त कवरेज और सैटेलाइट कम्युनिकेशन सेवाओं द्वारा दी जाने वाली क्षमता के साथ, जियो शहरों और गांवों, उद्यमों, सरकारी प्रतिष्ठानों और उपभोक्ताओं को नए डिजिटल इंडिया से जोड़ने में सक्षम होगा।