- भारत में डिजिटल पेमेंट का चलन लगातार बढ़ रहा है।
- UPI के तहत लेनदेन ने मार्च 2022 में पहली बार 5 अरब की संख्या को पार किया था।
- UPI के इस्तेमाल के साथ-साथ धोखाधड़ी के शिकार होने का जोखिम भी बढ़ा है।
नई दिल्ली। देश में यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) लेनदेन की संख्या बढ़ रही है। यूपीआई सर्विस साल 2016 में शुरू हुई थी। वित्तीय वर्ष 2021-22 में यूपीआई के जरिए लेनदेन मूल्यों का आंकड़ा 1 ट्रिलियन डॉलर के पार चला गया था। अप्रैल 2022 में यूपीआई के जरिए 9.83 लाख करोड़ रुपये के 558 करोड़ लेनदेन दर्ज किए गए। यह अब तक का रिकॉर्ड उच्च स्तर है। मार्च 2022 की तुलना में यह करीब 3 फीसदी ऊपर है। लेकिन डिजिटल लेनदेन के साथ ही फ्रॉड भी बढ़ा है। कड़े नियमों के बावजूद ग्राहक धोखाधड़ी के शिकार हो ही जाते हैं। आइए जानते हैं धोखाधड़ी से बचने के उपाय-
पैसे पाने के लिए कभी भी पिन का इस्तेमाल ना करें
कई ग्राहक ऐसी धोखाधड़ी के बारे में शिकायत करते हैं, जहां उन्हें एक मेसेज या मेल मिलता है कि उन्हें पिन साझा करने पर रकम मिलेगी। ध्यान रहे कि आपका बैंक धन प्राप्त करने के लिए आपसे आपका पिन कभी नहीं मांगेगा। इस तरह पैसे भेजने का दावा करने वाले स्कैमर्स धोखाधड़ी करते हैं।
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अनजान लेनदेन
अगर कोई अनजान नंबर के जरिए आपसे फोन पर बात करने की कोशिश कर रहा है तो उससे दूर रहें। अगर किसी ने आपके साथ ओपन वेब सोर्स पर फोन नंबर शेयर किया है, तो भी आपको सावधान रहने की जरूरत है। किसी को भी पैसे देने से पहले उसकी अच्छे से पहचान कर लें।
नकली यूपीआई ऐप्स
कई जालसाजों ने नकली यूपीआई ऐप्स बनाई हैं, जिसके जरिए वे धोखाधड़ी करते हैं। वे आपकी जानकारी इकट्ठा करके उसका गलत इस्तेमाल करते हैं। ये ऐप्स बिल्कुल ऑरिजनल लगती हैं। इससे आपका बैंक खाता खाली हो सकता है।
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