केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बुधवार (25 नवंबर) को कैबिनेट के फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि कैबिनेट ने प्राइवेट बैंक डवलपमेंट बैंक इंडिया लिमिटेड (DBIL) के साथ लक्ष्मी विलास बैंक के विलय योजना को मंजूरी दी। उन्होंने कहा कि इसके साथ जमाकर्ताओं को अपनी जमा राशि को निकालने को लेकर प्रतिबंध नहीं होगा।
गौरतलब है कि आरबीआई ने लक्ष्मी विलास बैंक के डीबीएस बैंक में विलय के आदेश दिए थे। कैबिनेट कमिटी ने एटीसी टेलीकॉम कंपनी की करीब 12% शेयर खरीदने के लिए एटीसी एशिया पैसिफिक के 2,480 करोड़ रुपए के एफडीआई प्रस्ताव को मंजूरी दी।
NIIF में 6000 करोड़ रुपए की इक्विटी पूंजी डालने के प्रस्ताव को मंजूरी
उधर जावड़ेकर ने कहा कि सरकार ने बुधवार को राष्ट्रीय निवेश एवं अवसंरचना कोष (NIIF) में 6,000 करोड़ रुपए की इक्विटी पूंजी डालने के प्रस्ताव को मंजूरी दी। एनआईआईएफ में 6,000 करोड़ रुपए के सरकारी निवेश का प्रस्ताव इस महीने की शुरुआत में घोषित आत्मनिर्भर भारत 3.0 पैकेज का हिस्सा है।
सरकार ने राष्ट्रीय बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की पाइपलाइन (सीरीज) के कामों के लिए 111 लाख करोड़ रुपए के वित्त पोषण समर्थन के लिए यह कदम उठाया गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस साल अपने बजट भाषण में कहा था कि राष्ट्रीय बुनियादी ढांचा पाइपलाइन के 111 लाख करोड़ रुपए के वित्त पोषण के समर्थन में 22,000 करोड़ रुपए पहले ही उपलब्ध कराए जा चुके हैं।