नई दिल्ली : 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार की जन-विरोधी, मजदूर-विरोधी, राष्ट्र-विरोधी और घातक नीतियों के खिलाफ 26 नवंबर को आम हड़ताल का आह्वान किया है। साथ ही दावा किया है कि इस हड़ताल में करीब 25 करोड़ मजदूर भाग लेंगे। केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने कहा कि देशव्यापी आम हड़ताल की तैयारी जोरों पर हैं। संयुक्त फोरम ने कहा कि हमें उम्मीद है कि 25 करोड़ से अधिक कर्मचारी इस बार हड़ताल में हिस्सा लेंगे।
10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के प्रतिनिधियों ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में 26 नवंबर 2020 को देशव्यापी आम हड़ताल की तैयारियों के बारे में संतोष व्यक्त किया। केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारियों तथा सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों के कई स्वतंत्र फेडरेशनों और एसोसिएशनों ने भी उस दिन हड़ताल का नोटिस दिया है।
ये 10 ट्रेड यूनियन करेंगे हड़ताल
10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ‘इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस (इंटक), ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एटक), हिंद मजदूर सभा (एचएमएस), सेंटर फार इंडियान ट्रेड यूनियंस (सीटू), ऑल इंडिया यूनाइटेड ट्रेड यूनियन सेंटर (एआईयूटीयूसी), ट्रेड यूनियन को-ऑर्डिनेशन सेंटर (टीयूसीसी), सेल्फ-एम्प्लॉइड वुमेन्स एसोसिएशन (सेवा), ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियंस (एआईसीसीटीयू), लेबर प्रोग्रेसिव फेडरेशन (एलपीएफ) और यूनाइटेड ट्रेड यूनियन कांग्रेस (यूटीयूसी) के संयुक्त फोरम ने इस बारे में संयुक्त बयान जारी किया। संयुक्त फोरम में स्वतंत्र फेडरेशन व संगठन भी शामिल हैं।
भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) नहीं होगा हड़ताल में शामिल
इस बीच बीजेपी से जुड़े भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) ने स्पष्ट किया है कि वह इस हड़ताल में भाग नहीं लेगा। मंगलवार को जारी एक बयान में बीएमएस ने कहा कि यह स्पष्ट किया जाता है कि बीएमएस और इसकी इकाइयां 26 नवंबर 2020 को राजनीतिक रूप से प्रेरित हड़ताल में भाग नहीं लेंगी।