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Saving Tips : पिछले वित्त वर्ष में नुकसान हुआ? नए फाइनेंशियल ईयर में ऐसे करें कवर

Updated Apr 14, 2021 | 16:54 IST

वित्तीय वर्ष 2020-21 के दौरान अनेक लोग अपनी बचत के लक्ष्यों को हासिल नहीं कर सके क्योंकि कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण उन्हें पैसों की परेशानी झेलनी पड़ी थी।

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बचत की प्लानिंग

कोविड-19 महामारी के कारण वित्तीय वर्ष 2020-21 सबसे चुनौतीपूर्ण वर्षों में से एक रहा जिसमें पूरी दुनिया में न केवल लाखों लोगों की जिंदगियां खतरे में रही बल्कि बड़े पैमाने पर लोगों को रोजगार भी गंवाना पड़ा और उनकी आय भी कम हुई। लेकिन आप पिछले वित्तीय वर्ष की चुनौतियों से हुए नुकसान की भरपाई इस नए वित्तीय वर्ष में कर सकते हैं, अगर आप सही कदम उठाते हैं। मैंने इसी सिलसिले में कुछ सुझाव दिए हैं जिनसे आपको ऐसा करने में मदद मिल सकती है।

बचत के स्पष्ट लक्ष्य तय करें और अपने बजट को रिसेट करें

आप नहीं चाहेंगे कि नए वित्तीय वर्ष के दौरान आप अपनी बचत के लक्ष्य को पूरा न कर पाएं। वित्तीय वर्ष 2020 के दौरान अनेक लोग अपनी बचत के लक्ष्यों को हासिल नहीं कर सके क्योंकि कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण उन्हें लिक्विडिटी की परेशानी झेलनी पड़ी थी। लेकिन अब अगर आपके फिनान्सेस स्थिर होने लगे हैं, तो आपको जल्दी से बेहतर स्थिति में आने के लिए अब देरी नहीं करनी चाहिए। पहला काम जो आपको करना होगा वह अपने महत्वपूर्ण वित्तीय लक्ष्यों को प्राथमिकता देनी होगी और इस वर्ष के लिए बचत के वास्तविक लक्ष्यों को तय करना होगा। अगर आप पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान हुई बचत में कमी को दूर करना चाहते हैं, तो आपको इस साल के अपने बजट को रिसेट करके अपनी बचतों को बढ़ाना होगा और गैर-जरूरी चीजों पर खर्च कम करना होगा।

ऐसा इमरजेंसी फंड बनाएं जिससे आपके डेट ऑब्लिगेशन को भी कवर किया जा सके

हम में से अनेक लोगों के लिए पिछला वर्ष बहुत ही गंभीर वित्तीय समस्याओं का वर्ष रहा है; लेकिन जिन लोगों के पास पर्याप्त कंटिंजेंसी बचत थी, उनके लिए यह स्थिति इतनी परेशानी दायक नहीं थी जिसमें वे अपनी कंटिंजेंसी बचत का प्रयोग उस समय कर पाए जब उनकी आय के साधन प्रभावित हो गए थे। अगर इस वर्ष आपके फाइनेंस सामान्य हो गए हैं, तो आपको तत्काल ही इमरजेंसी बचत को फिर से पूरा करने को प्राथमिकता देनी चाहिए, या जल्द से जल्द पर्याप्त बचत की व्यवस्था कर लेनी चाहिए, अगर अभी तक आपने ऐसा नहीं किया है। देश के कई हिस्से महामारी की दूसरी लहर से जूझ रहे है और अनिश्चितता का माहौल फिर से बन रहा है। तो पर्याप्त पर्याप्त इमरजेंसी फंड का होना अतिआवशयक है।

अब, हो सकता है कि आप में से कुछ ने पिछले वर्ष डेट रिपेमेंट के लिए मोरेटोरियम का विकल्प चुना हो, या हो सकता है कि आपने मजबूरी वश लोन लिया हो। मोरेटोरियम जैसे उपायों से हमें अस्थाई राहत तो मिल सकती है, लेकिन उनसे ब्याज भी जुड़ता चला जाता है और जिससे कुल मिलाकर कर्ज का बोझ बढ़ सकता है या रिपेमेंट की अवधि बढ़ सकती है। नए वर्ष के दौरान वित्तीय जोखिमों के समाधान के लिए, आपको यह जरूर तय करना होगा कि आपके इमरजेंसी फंड से न केवल आपके जरूरी खर्चों को पूरा किया जा सके बल्कि आय के नियमित सोर्स के बिना भी आप कम से कम छह महीनों के लिए अपने कर्जें को भी चुकाने में सक्षम रहे। आप वित्तीय अनुशासन को अपनाकर और गैर-जरूरी खर्चों को कम से कम करके एक बड़ा इमरजेंसी फंड बना सकते हैं।

बीमा के साथ समझौता न करें

पिछले वर्ष ने हमें यह डरावना स्मरण करवाया कि पर्याप्त बीमा कितना जरूरी होता है। इसलिए, अगर आपको अभी भी लगता है कि बीमा खरीदना पैसे की बरबादी है या सिर्फ टैक्स बचत करने का एक तरीका है, तो आपकी सोच गलत है। सच तो यह है कि जीवन बीमा कवर से, अगर आपके साथ कुछ अप्रिय घट जाता है, तो आपके आश्रितों के खर्चों को पूरा करके और कैरिड-ओवर कर्ज को उतार कर उनके वित्तीय हितों को सुरक्षित किया जा सकेगा। और कम्प्रेहेंसिव स्वास्थ्य बीमा से अगर परिवार के किसी सदस्य को अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती करना पड़ता है, तो उस समय अदा किए जाने वाले वाले मंहगे मेडिकल बिल्स से परिवार के फाइनेंस को बचाया जा सकेगा। अगर आपने अभी तक अपना बीमा नहीं करवाया है, तो इस वित्तीय वर्ष के दौरान ऐसा टर्म प्लान लेने पर विचार करें जो कम से कम आपकी चालू वार्षिक आय का दस गुणा हो, तथा कम से कम 5 लाख रुपए का चिकित्सा बीमा लेने पर भी विचार करें। याद रखें, यह दोनों बीमा प्लान्स आप जितनी कम आयु में लेंगे, आपको उतना ही कम प्रीमियम भरना पड़ेगा।

निवेश करते समय नॉमिनल रिटर्न की बजाए रिटर्न की रियल रेट पर ध्यान केन्द्रित करें

जब आप पैसे का निवेश करते हैं, तो नॉमिनल रिटर्न के लालच में न फंसे। इसके बजाए, आपको रिटर्न की रियल रेट पर ध्यान देना दें, जिसे नॉमिनल रेट में से इंफ्लेशन रेट की एडजस्टमेंट के बाद कैल्कुलेट किया जाता है। उदाहरण के लिए, आपकी एफडी पर मान लीजिए ब्याज की दर 5.5% है और जारी इंफ्लेशन रेट 5% है। इसके मायने हैं कि आपके रियल रिटर्न की रेट केवल 0.5% है। नेगेटिव रियल रेट रिटर्न से आपकी सम्पदा कम होती है, जबकि पॉजिटिव रेट से दीर्घकाल में आपकी सम्पदा बढ़ती है। इसलिए, नए वित्तीय वर्ष के दौरान, आपको ऐसे निवेश इंस्ट्रुमेंट्स को चुनना चाहिए जिनमें उच्च रियल रेट रिटर्न प्रदान करने की संभावना हो।

नियमित निवेश करें

बाजार में अनिश्चितता के बावजूद, निवेश करने के लिए स्थिति के बेहतर हो जाने की इंतजार करना या मार्किट को टाइम करने की कोशिश करना नुकसानदायी हो सकता है। इसके बजाय, आपको नियमित रूप से निवेश करने पर फोकस करना चाहिए। कोविड-19 अनिश्चितताओं के कारण अनेक लोगों ने घबरा कर अपने सिस्टेमिक निवेश योजनाओं (एसआईपी) को रोक दिया था; बाद में, ईक्विटी और डेट मार्केट दोनों ही में तेजी आई, और ये नए ऊंचाईयों पर पहुंच गए, लेकिन वह लोग निवेश पर आकर्षक रिटर्न प्राप्त करने में विफल रहे। इसलिए, नियमित रूप से निवेश करना महत्वपूर्ण है, और जोखिम को कम करने के लिए, एक-मुश्त निवेश की बजाए, आपको स्टेग्गर्ड निवेश तकनीकों जैसे म्यूचल फंड्स एसआईपी का विकल्प चुनना चाहिए जो आपके फाइनेंसियल गोल्स और रिस्क उठाने की क्षमता के साथ मैच करे।

(इस लेख के लेखक, BankBazaar.com के CEO आदिल शेट्टी हैं)
(डिस्क्लेमर: यह जानकारी एक्सपर्ट की रिपोर्ट के आधार पर दी जा रही है। बाजार जोखिमों के अधीन होते हैं, इसलिए निवेश के पहले अपने स्तर पर सलाह लें।) ( ये लेख सिर्फ जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसको निवेश से जुड़ी, वित्तीय या दूसरी सलाह न माना जाए)

 

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