- मैनकाइंड फार्मा कंपनी ने ज्योति कुमारी की बहादुरी की जमकर तारीफ की
- मैनकाइंड फार्मा कहा कहना है कि कोरोना संकट के समय वह हर भारतीय के साथ खड़ा है
- मैनकाइंड फार्मा दवा बनाने वाली कंपनी है
नई दिल्ली : कोरोना वायरस महामारी को फैलने से रोकने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 23 मार्च को देशव्यापी लॉकडाउन लागू किया। लेकिन काफी लोगों का रोजगार संकट में पड़ गया। जिससे की वजह से वे सैकड़ों किलोमीटर दूर अपने घर पैदल, साइकिल, रिक्शा और जिस जो साधन मिला उसी से चल दिए। इस दौरान एक संघर्ष की कहानी सामने आई। ज्योति कुमारी नाम की लड़की जिसने साइकिल से 1200 किलोमीटर दूर न केवल सफर तय करके अपने घर बिहार के दरभंगा पहुंची। बल्कि उस साइकिल पर अपने पिता को बैठाकर अपने गांव ले गई उसके बाद उसकी देश और दुनिया में तारीफ होने लगी। उसकी इस साहस की वजह से लोग उसे पुरस्कृत करने लगे। मैनकाइंड फार्मा कंपनी ने भी ज्योति कुमारी की बहादुरी की जमकर तारीफ की और इस शेरदिल लड़की को एक लाख रुपए मदद की।
मैनकाइंड फार्मा के मुताबिक वह महामारी के खिलाफ देश की लड़ाई में कई तरीकों से हिस्सा ले रहा है। सस्ती दवाइयों के उत्पादन के अलावा कंपनी ने कई राज्यों को दवाइयां, पीपीई किट और वेटिलेटर दान किए हैं। अब मैनकाइंड ने 15 वर्षों की ज्योति कुमारी को अपना सहयोग दिया है। लॉकडाउन के दौरान ज्योति कुमारी ने अपने बीमार पिता को साइकिल की पिछली सीट पर बिठाकर गुरूग्राम से बिहार में दरभंगा अपने घऱ तक 1200 किलोमीटर का सफर तय किया था।
मैनकाइंड फार्मा ने कहा....
मैनकाइंड फार्मा के सीईओ श्री राजीव जुनेजा ने कहा कि मैनकाइंड फार्मा इस अभूतपूर्व संकट में मुसीबत का सामना कर रहे हर भारतीय के साथ खड़ा है। मैनकाइंड अपने माता-पिता के प्रति ज्योति कुमारी के निस्वार्थ प्रेम और प्रतिबद्धता को सलाम करती है। उन्होंने हरियाणा के गुरुग्राम से बिहार के दरभंगा तक 1200 किलो मीटर की दूरी तय करने के लिए 8 दिन तक लगातार साइकिल चलाकर अपने बीमार पिता को घर ले गई। हमें उन पर गर्व है कि उन्होंने अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए रास्ते में आने वाली सभी मुश्किलों का सामना किया। उनकी मानसिक ताकत और मजबूत इरादे को पुरस्कृत किया जाना चाहिए। हम उसकी मदद करना चाहेंगे। जिससे वह अपनी जिंदगी में ऊंचा मुकाम हासिल कर सके। वह दूसरों के लिए मिसाल बन सकती है।
पुरस्कार मिलने पर ज्योति कुमारी ने कहा...
इस पर ज्योति कुमारी ने कहा कि मैं मैनकाइंड फार्मा को उनके सहयोग के लिए धन्यवाद देती हू। और अपनी पढ़ाई पूरी करना चाहती हूं। साथ ही उनने कहा कि इससे मुझे अपने लक्ष्य हासिल करने और अपने परिवार की देखभाल करने की प्रेरणा मिली है।
संकट के समय में देश की मदद कर नंबर वन बनना चाहती है मैनकाइंड फार्मा
मैनकाइंड फार्मा केवल रेवेन्यू के लिहाज से ही भारत की टॉप फार्मा कंपनी नहीं बनना चाहती, बल्कि यह सीएसआर गतिविधियों में और संकट के समय में देश की मदद कर नंबर वन बनना चाहती है। समाज की सेवा करने के अपने इस लक्ष्य पर खरे उतरते हुए कंपनी ने पिछले महीने सीएम केयर फंड में 51 करोड़ रुपये की राशि दान की है। इसके अलावा मैनकाइंड फार्मा के सभी कर्मचारियों ने भी अपनी एक दिन की सैलरी दान कर राहत कोष में अपना योगदान दिया है।