- 103 उल्लंघनों को अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया गया है। साथ ही 327 गैर जरूरी प्रावधानों-कानूनों को भी हटाया गया है।
- कंपनी एक्ट के तहत 46 और एलएलपी एक्ट के तहत 12 दंडात्मक उल्लंघनों को अपराध की श्रेणी से हटाया गया।
- RTO से जुड़ी 18 सेवाओं के लिए सिंगल स्टेप ऑनलाइन 'आधार' सत्यापन प्रक्रिया लागू हुई।
नई दिल्ली: ईज ऑफ डूइंग बिजनेस आसान करने की दिशा में मोदी सरकार ने अब तक करीब 22000 कंप्लायंस कम किए हैं। इसके अलावा लगभग 13,000 कंप्लायंस को सरल किया गया है जबकि 1,200 प्रक्रियाएं डिजिटाइज कर दी गई है। इस बात का दावा वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने किया है। उसके अनुसार अनगिनत रेग्युलेटरी कंप्लायंस की वजह से भ्रम पैदा होता थाऔर निवेशकों में हिचकिचाहट होती थी। लेकिन इन बदलावों से उद्यमियों के लिए बेस्ट माहौल विकसित किया जा रहा है। जिससे कि भारत में बिजनेस करना आसान हो सके।
103 उल्लंघन अब अपराध नहीं
मंत्रालय के अनुसार बिजनेस करना आसान करने की दिशा में एक अहम पहल करते हुए 103 उल्लंघनों को अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया गया है। साथ ही 327 अनावश्यक प्रावधानों/कानूनों को भी हटाया गया है। जुलाई-अगस्त 2020 में, डीपीआईआईटी ने कंप्लायंस बोझ कम करने के लिए सभी मंत्रालयों तथा राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के साथ एक कार्ययोजना का रोडमैप शेयर किया था। अभी तक, इस पहल के तहत सभी केंद्रीय मंत्रालयों, राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों के जरिए 22,000 से अधिक कंप्लायंस में कमी लाई जा चुकी है।
प्रमुख बदलाव
- ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल), पंजीकरण प्रमाणपत्र (आरसी), स्वामित्व का हस्तांतरण, अंतरराष्ट्रीय ड्राइविंग परमिट, हायर-पर्चेज आदि से जुड़ी 18 सेवाओं के लिए सिंगल स्टेप ऑनलाइन आधार सत्यापन प्रक्रिया लागू की गई
- एनसीईआरटी, सीबीएसई तथा एससीईआरटी के पाठ्यक्रमों को ऑनलाइन एक्सेस करने के लिए देश भर में छात्रों तथा शिक्षकों को समर्थ बनाने के लिए डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर फॉर नालेज शेयरिंग (दीक्षा) यूजर इंटरफेस डेवेलप हुआ।
- रोजगार की तलाश करने वाले अभ्यर्थियों, नियोक्ताओं से जोड़ने के लिए संपर्क पोर्टल लांच किया गया। अब तक 4.73 लाख से अधिक रोजगार चाहने वाले तथा 6,200 से अधिक नियोक्ता पोर्टल पर पंजीकृत हैं।
- आईएसआई मार्क और हॉलमार्क वाले उत्पादों की प्रमाणिकता की जांच अब उपभोक्ता बीआईएस केयर ऐप के जरिए कर सकते हैं
- निजी, सार्वजनिक कंपनियों तथा अनुसंधान संस्थानों को अब जियोस्पेशियल डाटा तथा सेवाओं को संग्रहित करने, प्रोसेस, स्टोर, प्रकाशित तथा साझा करने की अनुमति दी गई। जिससे भारतीय कंपनियां गूगल मैप्स जैसी जियो स्पेशियल डेटा देने में सक्षम हुईं।
- प्रवासी लाभार्थियों को देश भर में किसी भी ई-पीओएस युक्त, उचित मूल्य की दुकानों से उनके कोटे का खाद्यान्न प्राप्त करना आसान हुआ। 'मेरा राशन' मोबाइल ऐप लांच किया गया।
- कंपनी एक्ट 2013 के 46 दंडात्मक प्रावधानों तथा लिमिटेड लॉयबिलिटी एक्ट (एलएलपी) 2008 के तहत 12 उल्लंघनों को अपराध की श्रेणी से हटाया गया।