नई दिल्ली : कोरोना वायरस के चलते देशव्यापी लॉकडाउन चल रहा है। जिसकी वजह से एक महीने से देशभर में कामकाज और यातायात ठप है। लोगो अपने घरों में बंद हैं। कहीं भी आने जाने की मनाही है। ऐसे में आम लोगों के लिए भोजन सामग्री की समस्या हो गई है। सरकार लोगों तक खाद्य पदार्थ पहुंचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। गरीब महिलाओं के खातों में रुपए डाले गए। अब पीडीएस के जरिए राशन मुहैया करा रही है। लोगों में प्रोटीन की कमी न हो इसके लिए राशनकॉर्डधारियों मुफ्त दाल वितरण कर रही है। सरकार का कहना है कि देश भर के 20 करोड़ राशनकॉर्ड धारी परिवारों को मुफ्त दाल वितरण मई के पहले सप्ताह में गति पकड़ेगा।
सरकार ने कहा कि इस काम के लिए 5.88 लाख टन दलहनों की परिवहन व्यवस्था और मिलिंग का काम तेजी से चल रहा है। अधिकांश लाभार्थियों को अप्रैल में ही या मई के पहले सप्ताह तक पहले महीने का कोटा मिल जाएगा। कई राज्य पहली बार में ही तीनों महीनों के लिए दाल वितरित करने की स्थिति में हो सकते हैं। सरकार ने कहा कि जो राज्य बच जाएंगे उनमें मई में ही या अधिक से अधिक मई के तीसरे सप्ताह तक तीनों महीनों (अप्रैल, मई, जून) के लिए वितरण कार्य को पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है।
अब तक करीब 30,000 टन दालों का वितरण
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि अब तक करीब 30,000 टन दालों का वितरण किया गया है और इस काम में मई के पहले सप्ताह में और तेजी आएगी। पीएमजीएवाई के तहत दालों की मासिक आवश्यकता लगभग 1.96 लाख टन की है और पीडीएस के माध्यम से वितरण के लिए राज्यों को अब तक लगभग 1.45 लाख टन साफ की गई दाल की पेशकश की गई है।
एक तिहाई दाल राज्यों के पास पहुंचे
उन्होंने कहा कि कुल मासिक जरूरत में से करीब एक तिहाई दाल राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा दूरदराज स्थानों तक पहुंचाई जा चुकी है जहां से उनका वितरण होगा। आंध्र प्रदेश, असम, छत्तीसगढ़, दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, अंडमान, चंडीगढ़, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, सिक्किम, तमिलनाडु और तेलंगाना जैसे करीब 17 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने वितरण करना शुरू कर दिया है।
मई के पहले सप्ताह में वितरण
कई अन्य राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने सोशल डिस्टेंसिंग कायम करने और सार्वजनिक सुरक्षा के कारणों के लिए मई के पहले सप्ताह में खाद्यान्न वितरण के साथ दालों का वितरण करने का निर्णय लिया है। कुछ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों जैसे अंडमान और निकोबार, चंडीगढ़, दादरा नगर हवेली, गोवा, लद्दाख, पुडुचेरी, लक्षद्वीप और यहां तक कि पंजाब को एक ही बार में तीनों महीने के लिए दाल की आपूर्ति कर दी गई है।
कैबिनेट सचिव कर रहे हैं वितरण की निगरानी
मंत्रालय के अनुसार, नाफेड को इस उद्देश्य के लिए अपने 165 गोदामों में पड़ी दाल के स्टॉक का उपयोग करने की अनुमति दी गई है। इस सहकारी संस्था ने अब तक 100 से अधिक दाल मिलों को अपने साथ लिया है तथा ऑनलाइन नीलामी के माध्यम से मिलों का चयन कर रही है। मंत्रालय ने कहा कि कैबिनेट सचिव व्यक्तिगत रूप से दैनिक आधार पर वितरण की निगरानी कर रहे हैं।
सरकार ने लिया था फैसला
करीब एक महीना पहले वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रधानमंत्री गरीब अन्न योजना (पीएमजीएवाई) के तहत सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के तहत पंजीकृत प्रत्येक परिवार को तीन महीने के लिए एक-एक किलो दाल मुफ्त वितरण की घोषणा की थी। कोविड-19 महामारी के कारण लॉकडाउन के दौरान गरीबों को उचित मात्रा में प्रोटीन उपलब्ध हो इस बात को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया गया।