- सुराना ग्रुप सोने के गहनों का निर्माण और बिक्री करता है।
- मामले में गिरफ्तार लोगों में ग्रुप के दो प्रवर्तक और मुखौटा कंपनियों के दो निदेशक शामिल हैं।
- ईडी ने जब्त किए गए विंडमिल की भौगोलिक स्थिति के बारे में कुछ नहीं बताया।
नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने सुराना ग्रुप (Surana Group) के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच के सिलसिले में 51 करोड़ रुपये से ज्यादा के 67 विंडमिल को जब्त किया है। कंपनी पर 3,986 करोड़ रुपये की कथित बैंक लोन धोखाधड़ी (Bank Loan Fraud) का आरोप है। संघीय एजेंसी ने विंडमिल को अटैच करने के लिए प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग अधिनियम के तहत एक प्रोविज्नल आदेश जारी किया है।
कुल 113.32 करोड़ की संपत्तियां कुर्क
रामलाल जैन की 61.63 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियों को भी इसी आदेश के हिस्से के रूप में अटैच किया गया। इस आदेश के तहत कुल 113.32 करोड़ रुपये की संपत्तियों को कुर्क किया गया है। यह कार्रवाई तब की गई जब यह पाया गया कि सुराना ग्रुप के 67 विंडमिल, जिन्हें बैंकों द्वारा अपना बकाया वसूलने के लिए नीलाम किया जा रहा था, एक बेनामी कंपनी के नाम पर फिर से खरीदी गईं।
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इस संदर्भ में एजेंसी ने एक बयान में कहा कि विंडमिल (Windmill) और जिस जमीन पर वे स्थित हैं, उसकी कीमत कुल 51.69 करोड़ रुपये है। हालांकि, यह नहीं बताया कि ये विंडमिल किस स्थान पर स्थित हैं।
मामले में चार लोग गिरफ्तार
पिछले महीने जांच एजेंसी ने एक बैंक लोन धोखाधड़ी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सुराना ग्रुप के दो प्रमोटरों सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया था। सुराना इंडस्ट्रीज लिमिटेड, सुराना पावर लिमिटेड और सुराना कॉर्पोरेशन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक और प्रमोटर दिनेश चंद सुराना और विजय राज सुराना और फर्जी फर्मों के डमी निदेशकों पी आनंद और आई प्रभाकरन को हिरासत में लिया गया। सुराना ग्रुप ऑफ कंपनीज - प्रमोटर्स ने Cayman आइलैंड्स के साथ-साथ ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स में 'डमी' डायरेक्टर्स के नाम पर कई कंपनियों को इनकॉर्पोरेट किया।
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