- चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में भारती की GDP वृद्धि दर 13.5 फीसदी रही।
- आरबीआई के लिए महंगाई एक चुनौती बनी हुई है।
- जुलाई से दिसंबर की अवधि में महंगाई का दबाव कम हो सकता है: मूडीज।
नई दिल्ली। रेटिंग एजेंसी मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस (Moody's Investors Service) ने साल 2022 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि दर (GDP growth) का अनुमान कम कर दिया है। मूडीज ने इसे कम करके 7.7 फीसदी कर दिया है। लगातार बढ़ती ब्याज दरें और असमान मानसून का हवाला देते हुए मूडीज वृद्धि दर को घटाया है। इसके अलावा एजेंसी ने कहा है कि धीमी वैश्विक वृद्धि आर्थिक गति को क्रमिक आधार पर कम करेगी। आर्थिक गति क्रमिक आधार पर कम होने से 2023 में और भी कम, 5.2 फीसदी रह सकती है।
इससे पहले मई के महीने में मूडीज ने साल 2022 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि दर के 8.8 फीसदी पर रहने का अनुमान जताया था। मूडीज ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) इस साल आक्रामक रूख बनाए रख सकता है। इसके साथ ही घरेलू मुद्रास्फीति दबाव को बढ़ने से रोकने के लिए सख्त नीतिगत रूख भी अपनाया जा सकता है।
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आगे मूडीज ने कहा कि परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI), मोबिलिटी, टैक्स फाइलिंग और कलेक्शन, बिजनेस की आय और क्रेडिट संकेतकों जैसे आंकड़ों को देखते हुए कहा जा सकता है कि सर्विस और मैन्युफैक्चरिंग के सेक्टर्स में आर्थिक गतिविधियां तेज हुई हैं।
गोल्डमैन सैक्स (Goldman Sachs) ने चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) रीडिंग बाजार के अनुमानों से चूकने के बाद अपने विकास अनुमानों में बदलाव किया है। मॉर्गन स्टेनली ने कहा है कि अप्रैल से जून के दौरान उम्मीद से कम वृद्धि ने चालू वित्त वर्ष के विकास अनुमानों के मुकाबले 40 आधार अंकों की गिरावट का जोखिम पैदा किया है।
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