- शुक्रवार को रियल एस्टेट कंपनी सुपरटेक को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल से तगड़ा झटका लगा है।
- यह अहम फैसला यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (UBI) की याचिका पर सुनाया गया।
- सुपरटेक लिमिटेड की NCR-गुरुग्राम, नोएडा, आदि में कई परियोजनाएं हैं।
नई दिल्ली। रियल एस्टेट कंपनी सुपरटेक (Supertech) को बड़ा झटका लगा है। नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया द्वारा दायर एक याचिका को स्वीकार करने के बाद रियल एस्टेट डेवलपर सुपरटेक दिवालिया हो गई। कंपनी ने बकाया का भुगतान नहीं किया, जिसके बाद सुपरटेक अब दिवालिया (Bankrupt) हो गई है।
25,000 होम बॉयर्स के लिए भी बड़ा झटका
यह खबर सिर्फ कंपनी के लिए ही नहीं, बल्कि उन 25,000 से ज्यादा होम बॉयर्स के लिए भी बड़ा झटका है, जो कई सालों से डेवलपर के पास बुक किए गए अपने घरों का इंतजार कर रहे थे। एनसीआर और उत्तर भारत के अन्य हिस्सों में बिल्डर के पास कई आवासीय और वाणिज्यिक परियोजनाएं हैं।
17 मार्च को सुरक्षित रखा था आदेश
एनसीएलटी की दिल्ली पीठ ने हितेश गोयल को अंतरिम रिजॉल्यूशन प्रोफेसनल (IRP) नियुक्त किया है। मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट के अनुसार, सुपरटेक लिमिटेड द्वारा प्रस्तावित एकमुश्त निपटान को बैंक द्वारा खारिज कर दिए जाने और दलीलें सुनने के बाद ट्रिब्यूनल ने 17 मार्च, 2022 को मामले में अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था।
जानें सुपरटेक ने क्या कहा
सुपरटेक के कर्जदाताओं के बकाये पर कोई स्पष्टता नहीं है। आदेश पर प्रतिक्रिया देते हुए, सुपरटेक ने कहा कि वह आदेश के खिलाफ अपील में NCLAT से संपर्क करेगा।
7 सालों में वितरित किए 40,000 से ज्यादा फ्लैट्स
कंपनी ने कहा कि, 'एनसीएलटी के आदेश से कंपनी के चालू प्रोजेक्ट्स के निर्माण में कोई प्रभावित नहीं पड़ेगा और हम इकाइयों की डिलीवरी देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमने पिछले 7 सालों के दौरान 40,000 से ज्यादा फ्लैट वितरित किए हैं और हम आगे भी अपने 'Mission Completion – 2022' के तहत खरीदारों को डिलीवरी देना जारी रखेंगे, जिसके तहत हमने दिसंबर 2022 तक 7000 यूनिट देने का लक्ष्य रखा है।'
सुपरटेक पर 1,200 करोड़ रुपये का कर्ज
सुपरटेक समूह के प्रबंध निदेशक मोहित अरोड़ा ने कहा कि, 'सुपरटेक लिमिटेड में लगभग 11-12 आवास परियोजनाएं हैं, जिनके खिलाफ दिवाला कार्यवाही शुरू की गई है। इनमें से लगभग 90 फीसदी परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं।' सुपरटेक लिमिटेड पर करीब 1,200 करोड़ रुपये का कर्ज है। इसमें यूनियन बैंक ऑफ इंडिया से करीब 150 करोड़ रुपये का कर्ज भी शामिल है।