जब आप ऋण या क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करते हैं, तो क्रेडिट लाइन की आपकी पात्रता की जांच करने के लिए उधारदाता आपके क्रेडिट स्कोर की जांच करता है। इसलिए, ऋण प्राप्त करने के लिए अच्छा क्रेडिट स्कोर होना एक पूर्व शर्त होती है। अब, क्रेडिट स्कोर क्या संकेत करता है? क्रेडिट स्कोर तीन अंकों की संख्या होती है जिससे उधारदाता को आपके क्रेडिट इतिहास के आधार पर आपकी ऋण-पात्रता (क्रेडिटवर्दीनेस) की जानकारी मिलती है। आपकी ऋण-पात्रता (क्रेडिटवर्दीनेस) से उधारदाता को ऋण लेने और उसका भुगतान करने की आपकी संभाव्यता का पता लगता है।
आपके ऐतिहासिक डेटा पर विचार करके क्रेडिट स्कोर तय किया जाता है। यह 300 से 900 के बीच में होता है। 750 या अधिक का क्रेडिट स्कोर आदर्श समझा जाता है। अच्छे क्रेडिट स्कोर से आपको ऋण लेने की आसानी के साथ-साथ, आपको ऋण की शर्तों पर भी अपने लिए सौदेबाजी की शक्ति प्राप्त होती है।
आपके बैंक द्वारा आपके क्रेडिट के बारे में भारत में आरबीआई से लाईसेंस प्राप्त क्रेडिट ब्यूरो से जानकारी को साझा किया जाता है। प्रत्येक ब्यूरो का क्रेडिट स्कोर अलग-अलग हो सकता है, लेकिन पैरामीटर्स मौटे तौर पर समान ही रहते हैं। क्योंकि क्रेडिट स्कोर वित्तीय जीवन का एक महत्वपूर्ण पहलू होता है, आपको इसकी नियमित जांच जरूर करनी चाहिए। इस लेख में, हमने उन तीन कारणों का उल्लेख किया है जिनकी वजह से आपको नियमित तौर पर अपनी क्रेडिट रिपोर्ट और क्रेडिट स्कोर की जांच करते रहना चाहिए। आइये इन पर विचार करते हैं:-
गलती की पहचान करने में मदद मिलती है
आपका क्रेडिट स्कोर, बैंक द्वारा क्रेडिट ब्यूरो को सूचित किए गए ऐतिहासिक डेटा का परिणाम होता है। इसलिए, यहां पर प्रदान की गई जानकारी सटीक और पूरी होनी चाहिए। आप किसी ऐसी स्थिति में नहीं फंसना चाहेंगे जिसमें गलत जानकारी दिए जाने के कारण आपका क्रेडिट स्कोर कम हो जाता है। नियमित रूप से अपनी क्रेडिट रिपोर्ट और स्कोर की जांच करने से आपको अपने क्रेडिट इतिहास और साथ ही अपने व्यक्तिगत ब्यौरे में किसी गलती का पता लगाने में आपको मदद मिलेगी। इन गलतियों को उधारदाताओं और बैंकों को सूचित किया जा सकता है। आप दूसरे ब्यूरो के पास उपलब्ध रिपोर्ट की एक दूसरे से तुलना भी कर सकते हैं ताकि आपको यह पता लग सके कि एक समान डेटा सूचित किया जा रहा है। इसलिए, नियमित रूप से अपने स्कोर की जांच करने पर आपको उन गलतियों का पता लग सकेगा जिनके कारण आपका क्रेडिट स्कोर कम हो जाता है।
आप अपनी ऋण-पात्रता (क्रेडिटवर्दीनेस) की जांच कर सकते हैं
जब भी आप लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करते हैं, तो उधारदाता या जारीकर्ता द्वारा आपकी ऋण-पात्रता (क्रेडिटवर्दीनेस) की जांच करने के लिए सबसे पहले आपके क्रेडिट स्कोर की जांच की जाती है। जब आप अपने क्रेडिट स्कोर की जांच करना शुरू कर देते हैं, तो आपको यह पता लग जाएगा कि किस प्रकार से आपके क्रेडिट व्यवहार से आपके क्रेडिट स्कोर को तय किया जाता है। उदाहरण के लिए, आप यह देख पाएंगे कि देरी से की गई पेमेंट से किस प्रकार से आपका क्रेडिट स्कोर प्रभावित हो सकता है। यदि आपका स्कोर कम है, तो अपनी उधार लेने की संभावनाओं के लिए इसमें सुधार करने के लिए कदम उठा सकते हैं। अच्छा क्रेडिट इतिहास बनाने और साथ ही उसे बनाए रखने में समय लगता है। यदि आपको भविष्य में ऋण लेने की आवश्यकता महसूस होती है, तो नियमित रूप से अपने स्कोर की जांच करना और उसे बनाए रखना समझदारी होगा।
इससे आपको पहचान की चोरी और गहन पूछताछ को जानने में मदद मिलती है
नियमित रूप से अपने क्रेडिट स्कोर की जांच करने से आपको पहचान की चोरी का पता लगाने और उससे बचने में मदद मिलती है। पहचान की चोरी उस समय होती है जब किसी व्यक्ति द्वारा किसी अन्य व्यक्ति के नाम, जन्म की तारीख, पैन ब्यौरे, फ़ोन नम्बर, बैंक अकाउंट नम्बर आदि की चोरी के द्वारा जालसाजी की जाती है। आपकी पहचान की चोरी की जा सकती है और विभिन्न वित्तीय लेनदेनों के लिए इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। आपकी क्रेडिट रिपोर्ट में यह दर्शाया जाएगा कि क्या लोन लेने के लिए आपके पैन का इस्तेमाल किया गया है। यदि आपको अपनी रिपोर्ट में किसी अप्राधिकृत या धोखाधड़ीपूर्ण गतिविधि का पता लगता है, जिसकी वजह से इसकी गहन पूछताछ की गई है, तो आपको तत्काल इसकी जानकारी ब्यूरो तथा वित्तीय संस्थानों को देनी चाहिए।
अंत में
गहन और सामान्य पूछताछ में फर्क होता है। गहन पूछताछ का मतलब है कि किसी उधारदाता द्वारा आपकी क्रेडिट रिपोर्ट और स्कोर दोनों की जानकारी प्राप्त की जाती है, जबकि सामान्य पूछताछ का आशय आपके क्रेडिट स्कोर की जांच करना है। गहन पूछताछ से आपका क्रेडिट स्कोर कम होता है और सामान्य पूछताछ से आपके क्रेडिट स्कोर पर कोई फर्क नहीं पड़ता है। इससे आपको क्रेडिट आदत को नियंत्रित रखने में मदद मिलती है। ऐसे अनेक प्लेटफॉर्म्स उपलब्ध हैं जिन पर आप अपने क्रेडिट स्कोर की जांच कर सकते हैं और कभी-कभी जब भी रिपोर्ट को रिफ्रेश किया जाता है, तो आपको इसकी सूचना दी जाती है। अधिकांश संस्थानों द्वारा अपनी न्यूनतम दरों को क्रेडिट स्कोर के साथ लिंक किए जाने के साथ, अच्छी डील्स लेने के लिए अपने क्रेडिट स्कोर को बेहतर बनाए रखना हमेशा अच्छा रहता है।
(इस लेख के लेखक, BankBazaar.com के CEO आदिल शेट्टी हैं)
(डिस्क्लेमर: ये लेख सिर्फ जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसको निवेश से जुड़ी, वित्तीय या दूसरी सलाह न माना जाए)