वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार (12 अक्टूबर) को अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए एक बार फिर बड़ा ऐलान किया। सीतारमण ने कहा कि महामारी से अर्थव्यवस्था प्रभावित है, इसलिए मांग को बढ़ावा देने के लिए खर्च के लिए अग्रिम में राशि दी जाएगी। एलटीसी कैश वाउचर योजना और विशेष त्योहार अग्रिम योजना शुरू की जाएगी। सरकार कर्मचारियों को एलटीसी में टिकट किराए का भुगतान कैश में करेगी। वित्त मंत्री ने कहा कि मांग को प्रोत्साहित करने के प्रस्ताव के दो भाग हैं, पहला 'एलटीसी कैश वाउचर स्कीम' और दूसरा 'स्पेशल फेस्टिवल एडवांस स्कीम' है। इस महीने की शुरुआत में, वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा था कि कोविड के बाद लॉकडाउन का पुनरुद्धार स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा था और संकेत सकारात्मक दिख रहे थे।
- वित्त मंत्री ने कहा कि आज हमारे पास अर्थव्यवस्था में मांग को प्रोत्साहित करने के लिए कुछ प्रस्ताव हैं। कोविड 19 महामारी ने अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है। आत्मनिर्भर भारत पैकेज में गरीबों और कमजोर वर्गों की जरूरतों के लिए था। आपूर्ति की बाधाओं में कुछ कमी आई है लेकिन उपभोक्ता मांग को अभी भी बढ़ावा देने की जरूरत है।
- ट्रैवल को बढ़ावा देने के लिए वाउचर स्कीम लाया गया। वाउचर के लिए एलटीए का इस्तेमाल हो सकता है। एलटीसी के भीतर कैश स्कीम की व्यवस्था होगी। मांग बढ़ाने के लिए एलटीसी कैश स्कीम लेकर आए। सिर्फ डिजिटल पेमेंट के लिए एलटीसी स्कीम है।
- सीतारमण ने कहा कि डिमांड को प्रोत्साहन के लिए खर्च के लिए में राशि शुरुआत में ही दी जाएगी। एलटीसी नकद वाउचर योजना और विशेष त्योहार अग्रिम योजना शुरू की जाएगी। वित्त मंत्री ने कहा कि एलटीसी के लिए कैश पर सरकार का खर्च 5,675 करोड़ रुपए बैठेगा। सार्वजनिक उपक्रमों और बैंकों को 1,900 करोड़ रुपए दिए जाएंगे।
- सीतारमण ने कहा कि केंद्र सरकार अर्थव्यवस्था में मांग को प्रोत्साहन के लिए अपने सभी कर्मचारियों को एकमुश्त 10,000 रुपए का विशेष त्योहार अग्रिम देगी।
- राज्यों के 50 साल के लिए बिना ब्याज के 12 हजार करोड़ रुपए लोन दिए जाएंगे।
- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सड़क, रक्षा, बुनियादी ढांचे, जल आपूर्ति, शहरी विकास और घरेलू रूप से उत्पादित पूंजीगत उपकरणों पर केंद्र के पूंजीगत व्यय के लिए 25,000 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बजट प्रदान किया जाएगा।
पिछले महीने शक्तिकांत दास ने कहा था कि अर्थव्यवस्था में सुधार पूरी रफ्तार में नहीं पहुचा है, यह धीरे-धीरे होगा। साथ ही उन्होंने कहा था कि अर्थव्यवस्था के लिए जो भी कदम उठाने की जरूरत होगी रिजर्व बैंक उसके लिए पूरी तरह तैयार है। वित्त मंत्री की प्रेस कॉन्फ्रेंस गुड एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) परिषद की बैठक से पहले हो रही है। जो शाम 4-6 बजे से निर्धारित है। काउंसिल ने अपनी बैठक में विपक्षी शासित राज्यों के मुआवजे के मुद्दे पर सर्वसम्मति विकसित करने के लिए एक मंत्रिस्तरीय पैनल गठित करने के सुझाव पर चर्चा की।
आरबीआई ने कहा था कि चालू वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था में 9.5 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है। इससे पहले केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) द्वारा जारी अनुमान के अनुसार पहली तिमाही में जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) में 23.9 प्रतिशत की गिरावट आयी है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था कि भारतीय अर्थव्यवस्था कोरोना वायरस के खिलाफ अभियान में निर्णायक चरण में प्रवेश कर रही है। दास ने कहा था अप्रैल-जून तिमाही में अर्थव्यवस्था में आई गिरावट अब पीछे रह गई है और अर्थव्यवस्था में उम्मीद की किरण दिखने लगी है उन्होंने विनिर्माण क्षेत्र और ऊर्जा खपत में तेजी का जिक्र किया। उन्होंने कहा था कि महंगाई दर भी 2020-21 की चौथी तिमाही में कम होकर तय लक्ष्य के दायरे में आ सकती है।