- कोरोना वायरस की वजह से देश की अर्थव्यवस्था चरमरा गई है
- कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन से अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई
- मोदी सरकार ने 20 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज का ऐलान किया था
नई दिल्ली : कोरोना वायरस की वजह से चरमराई अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए मोदी सरकार लगातार कोशिश कर रही है। अर्थव्यवस्था को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक और राहत पैकेज का ऐलान किया। आत्मनिर्भर 3.0 में कुल 2,65,080 करोड़ रुपए के आर्थिक राहत पैकेज की घोषणा की गई। वित्त मंत्री ने रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के लिए नई आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना की घोषणा की। इससे पहले उन्होंने कहा कि कोरोना के मामलों में कमी आई है। अर्थव्यवस्था की अच्छी रिकवरी दिखी है। शेयर बाजार रिकॉर्ड स्तर पर है। अक्टू्बर में जीएसटी वसूली 10 प्रतिशत बढ़ी है। पहले के मुकाबले सुधार है। 23 अक्टूबर तक बैंक क्रेडिट 5.1 प्रतिशत है। रेलवे में माल ढुलाई भी बढ़ी है। विदेशी मुद्रा भंडार भी काफी बढ़ा है।
वित्त मंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना लॉन्च करेंगे। संगठित क्षेत्र में रोजगार दिया जाएगा। एक अक्टूबर ने नई रोजगार योजना लागू होगी। 30 जून 2021 तक यह योजना लागू रहेगी। 15 हजार से कम वेतन वाले योजना का फायदा लेंगे। ईपीएफओ रजिस्टर्ड संस्था को योजना का लाभ मिलेगा। केंद्र सरकार पीएफ का भार वहन करेगी। लोगों को आधार के साथ अकाउंट खुलवाना होगा।नई नौकरियों पर इंसेंटिव देने का प्रस्ताव है। 10 नए सेक्टर के लिए पीएलआई स्कीम का ऐलान किया गया। 26 सेक्टर को क्रेडिट गारंटी स्कीम।
अर्बन पीएम आवास योजना के लिए 18000 करोड़ रुपए दिए जाएंगे। अधूरे प्रोजेक्ट को पूरा करने का लक्ष्य है। 18 लाख नए घर बनेंगे। 12 लाख अधूरे घर पूरे किए जाएं। इससे 78 लाख लोगों को रोजगार मिलेंगे। कंस्ट्रक्शन और इंफ्रास्ट्रक्टर को ज्यादा पूंजी दी जाएगी। सरकारी टेंडर में ईएमडी देने की जरूरत नहीं होगी।
हाउसिंग सेक्टर में बड़ी राहत दी गई है। घर खरीद पर सर्किल रेट की छूट 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत दी गई है। यह दो करोड़ तक की खरीद पर छूट होगी। यह लाभ 30 जून 2021 तक मिलेगी।
वित्त मंत्री ने कहा कि आपातकालीन ऋण गारंटी योजना को 31 मार्च 2021 तक बढ़ाया गया। केंद्र सरकार नया रोगजार देने वाले प्रतिष्ठानों को सब्सिडी देगी, इसके तहत नई भर्ती के लिए दो साल तक सरकार की ओर से भविषय निधि कोष में योगदान दिया जाएगा।
वित्त मंत्री ने कहा कि किसानों को राहत दी गई है। खाद पर 65000 करोड़ रुपए की सब्सिडी दी जाएगी। गांव में गरीबों को रोजगार देने के लिए पीएम गरीब कल्याण योजना में मनरेगा, पीएम सड़क योजना जोड़ा गया। मनरेगा को 73,504 करोड़ रुपए दिया गया। इसमें अतिरिक्त 10 हजार करोड़ दिया जाएगा। स्कीम 116 जिलों मे चलाया जा रहा है।
क्रेडिट लाइन के माध्यम से निर्यात के लिए 3000 करोड़ का समर्थन मूल्य दिया जाएगा।
इंडस्ट्री को प्रोत्साहन के लिए 10200 करोड़ रुपए दिए जाएंगे। घरेलू डिफेंस सेक्टर क बढ़ावा दिया जाएगा।
कोविड वैक्सीन के लिए बायो टैक्नोलॉजी डिपार्टमेंट को 900 करोड़ रुपए दिया गया है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि आरबीआई ने अपनी रिपोर्ट में तीसरी तिमाही में सकारात्मक ग्रोथ की भविष्यवाणी की है, पहले उम्मीद थी कि ये ग्रोथ चौथी तिमाही में होगी।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कहा कि अर्थव्यवस्था की हालत में बहुत सुधार हुआ है। कोरोना वायरस के सक्रिय मामले 10 लाख से घटकर 4.89 लाख हो गए हैं। कोरोना वायरस की मृत्य दर भी घटकर 1.47% हो गई है। वित्त मंत्री ने कहा कि बिजली खपत 12 प्रतिशत बढ़ी है। क्वार्टर 3 में ग्रोथ का अनुमान है। 6.99 करोड़ शेयर बायबैक करेगी। कंपनी 587 करोड़ बायबैंक पर खर्ज करेगी।
वित्त मंत्री ने कहा आत्मनिर्भर भारत में कोशिशि की गई कि अन्न की कमी नहीं हो। वन नेशन वन राशन कार्ड 30 राज्यों में लागू किया गया। प्रवासी मजदूरों के लिए पोर्टल बनाया गया। स्ट्रीट वेंटर को लोन दिए गए। इससे पहले सरकार ने घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के इरादे से बुधवार को 10 और क्षेत्रों के लिs दो लाख करोड़ रुपये मूल्य की उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजनाओं को मंजूरी दे दी थी। उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना का लाभ रेफ्रिजरेटर, वाशिंग मशीन जैसे उत्पादों, औषधि, विशेष प्रकार के इस्पात, वाहन, दूरसंचार, कपड़ा, खाद्य उत्पादों, सौर फोटोवोल्टिक और मोबाइल फोन बैटरी जैसे उद्योगों में निवेशकों को मिलेगा।
इससे पहले मोदी सरकार ने 20 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया था। गौर हो कि कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन से देश की अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है।
उधर आरबीआई के एक अधिकारी ने कहा कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में देश का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) एक साल पहले की तुलना में 8.6% घटने का अनुमान है। इस तरह लगातार दो तिमाहियों में जीडीपी घटने के साथ देश पहली बार मंदी में घिरा है। कोरोना वायरस महामारी और लॉकडाउन के असर से पहली तिमाही में 23.9 प्रतिशत का संकुचन हुआ था।