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नीता अंबानी और इवांका ट्रंप ने मिलाया था हाथ, भारत में डिजिटल जेंडर डिवाइड करेंगी खत्म

Updated Aug 12, 2020 | 15:55 IST

भारत में डिजिटल जेंडर डिवाइड के खात्मे के लिए नीता अंबानी (Nita Ambani) और इवांका ट्रंप (Ivanka Trump) साथ आ गई हैं।

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इवांका ट्रंप और नीता अंबानी

मुंबई : रिलायंस फाउंडेशन की चेरयपर्सन नीता अंबानी (Nita Ambani) ने भारत में डिजिटल जेंडर डिवाइड के खात्मे के लिए ‘यूनाइटेड स्टेट एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलेपमेंट’ यानी USAID के साथ हाथ मिलाया है। अमेरीकी राष्ट्रपति की बेटी और एडवाइजर इवांका ट्रंप (Ivanka Trump) मुख्य अतिथि के तौर पर कार्यक्रम में मौजूद रहीं। अमेरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2019 में दुनिया भर में महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए ‘वूमेंस ग्लोबल डेवलेपमेंट प्रोस्पेरिटी’ यानी W-GDP इनिशिएटिव को लॉन्च किया था। इसको बनाने में इवांका ट्रंप ने महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी। W-GDP इनिशिएटिव का लक्ष्य 2025 तक विकासशील देशों की 50 लाख महिलाओं तक पहुंचने का है। 

W-GDP इनिशिएटिव के तहत रिलायंस फाउंडेशन और USAID साथ मिलकर काम करेंगे। इस महत्वपूर्ण साझेदारी की घोषणा W-GDP के तहत हुए एक विशेष कार्यक्रम में की गई। कार्यक्रम की मेजबानी अमेरिकी उप-मंत्री स्टीफन बेजगुन ने की, कार्यक्रम में यूएसएआईडी के उप-प्रशासक बोनी ग्लिक भी शामिल रहे।

कार्यक्रम को वर्चुअली संबोधित करते हुए नीता अंबानी ने कहा कि मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी और गर्व है कि USAID के साथ साझेदारी करके रिलायंस फाउंडेशन और W-GDP साथ आ रहे हैं। हम 2020 में भारत भर में एक साथ डब्ल्यू-जीडीपी वुमनकनेक्ट चैलेंज लॉन्च करेंगे। हमारा साझा लक्ष्य, भारत में लिंग भेद और डिजिटल विभाजन दोनों के खात्में का है क्योंकि जब महिलाएं जागती है तो वो परिवारों, समाज और देश की प्रगति के नए रास्ते खोलती हैं। सही मायनों में विकसित विश्व तो उसी को कहा जा सकता है जिसमें सबसे  बराबरी का व्यवहार होता हो।

रिलायंस फाउंडेशन के साथ मिलकर W-GDP, भारत भर में वुमन कनेक्ट चैलेंज लॉन्च करेगा। यह चैलेंज भारत में लिंग भेद के खात्में के साथ साथ भारतीय महिलाओं को व्यापर में जोड़ने और उनको बढ़ावा देने का काम करेगा। राष्ट्रपति की सलाहकार इवांका ट्रंप ने कहा कि इनोवेटिव कार्यक्रमों के माध्यम से महिलाओं के आर्थिक सशक्तीकरण को बढ़ावा देने के लिए डब्ल्यू-जीडीपी फंड बनाया गया था। हम अमेरिकी सरकार और प्राइवेट सेक्टर के संसाधनों और विशेषज्ञता का लाभ उठा रहे हैं ताकि इसका स्थायी और गहरा प्रभाव पड़े।

रिलायंस फाउंडेशन महिला सशक्तिकरण के मिशन में रिलायंस जियो की ताकत का इस्तेमाल भी करना चाहता है। रिलायंस जियो के करीब 40 करोड़ ग्राहक हैं और देश के कोने कोने में उसकी पहुंच है। उधर रिलायंस फाउंडेशन भी अपनी स्थापना की 10वीं सालगिरह मना रहा है। पिछले एक दशक में रिलायंस फाउंडेश ने 3 करोड़ 60 लाख से अधिक जिंदगियों को छुआ है। रिलायंस जियो और रिलायंस फाउंडेशन भारत में जेंडर डिजिटल विभाजन को खत्म करने में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं।

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