- नीता अंबानी का सपना, एक दिन भारत में आयोजित हो ओलंपिक खेल
- फुटबाल स्पोर्ट्स डेवलपमेंट लिमिटेड और रिलायंस फाउंडेशन की चेयरपर्सन हैं नीता अंबानी
- क्रिकेट से लेकर फुटबॉल तक, तमाम खेलों के लिए काम करती आई हैं नीता अंबानी
नई दिल्ली: फुटबाल स्पोर्ट्स डेवलपमेंट लिमिटेड (एफएसडीएल) तथा रिलायंस फाउंडेशन की चेयरपर्सन नीता अंबानी ने कहा है कि भारत में ओलंपिक गेम लाना उनका सपना है। नीता अंबानी ने यह बात रिलायंस की 43वीं वर्चुअल आमसभा की बैठक में कही। उन्होंने कहा, भारत में ओलंपिक खेलों को लेकर आना मेरा सपना है। मैं भारत के एथलीट को विश्व स्तर पर बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए देखना चाहती हूं।
नीता अंबानी अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) की सदस्य हैं। जमीनी स्तर पर खिलाड़ी तैयार करने के लिए नीता अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस फाउंडेशन कई शैक्षिक और खेल प्रोजेक्ट चलाता है, जिससे लाखों बच्चे जुड़े हुए हैं। वह पहली बार बतौर डायरेक्टर रिलायंस की सालाना आम बैठक को संबोधित कर रही थी। उन्होंने रिलायंस फाउंडेशन के बारे में बात करते हुए बताया कि पिछले 10 वर्षो में फाउंडेशन ने देश में तीन करोड़ 60 लाख लोगों की जिंदगी में बदलाव लाया है।
कोरोना काल में तेजी से हुआ काम
रिलायंस फाउंडेशन की संस्थापक और चेयरपर्सन नीता अंबानी ने शेयरधारकों को संबोधित करते हुए कहा, कोरोना के प्रकोप के समय, हमने मुंबई में भारत का पहला 100-बेड वाला विशेष कोविड-19 अस्पताल स्थापित किया वो भी केवल दो सप्ताह में। हमारे डॉक्टर और नर्स साथी भारतीयों की सेवा का निस्वार्थ और अथक प्रयास कर रहे हैं। जब महामारी फैली तो सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक थी पीपीई किट की कमी। हमने रिकॉर्ड समय में हर दिन एक लाख से अधिक पीपीई और एन 95 मास्क का उत्पादन करने के लिए अपनी विनिर्माण सुविधाओं में जरूरी बदलाव किए।
हर जरूरतमंद तक वैक्सीन पहुंचाएगा रिलायंस
नीता अंबानी ने भरोसा दिलाया कि जब भी कोरोना की वैक्सीन बनेगी उसको देश के हर जरूरत मंद तक पहुंचाने का काम रिलायंस करेगा। शेयरधारकों से मिशन अन्न सेवा की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा, मिशन अन्ना सेवा के माध्यम से, हमने देश भर में हाशिए पर रहने वाले समुदायों, दैनिक वेतन भोगियों और फ्रंटलाइन वर्कर्स को पांच करोड़ से अधिक भोजन प्रदान किए हैं। हमें खुशी है कि मिशन अन्ना सेवा दुनिया में कहीं भी एक कॉरपोरेट फाउंडेशन द्वारा किया गया सबसे बड़ा भोजन वितरण कार्यक्रम बन गया है।