नई दिल्ली: केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने नई दिल्ली और श्रीनगर के बीच कार द्वारा यात्रा के समय को दिसंबर 2023 तक 24 घंटे से घटाकर केवल 8 घंटे करने का वादा किया है। इसके साथ ही उन्होंने दिसंबर 2023 तक जम्मू और श्रीनगर के बीच यात्रा को महज चार घंटे में पूरी करने का वादा भी किया है। गडकरी ने बुधवार को डोडा में 25 सतह संचार (सर्फेस कन्युनिकेशन) परियोजनाओं की आधारशिला रखने के बाद, 259 किलोमीटर की कुल लंबाई और 11,721 करोड़ रुपए के बजट के साथ केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में पांच नए राजमार्गों की घोषणा के बाद एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि जम्मू से श्रीनगर तक चार लेन के राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-44) का निर्माण अगले 24 महीनों में पूरा हो जाएगा।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि चल रही सड़क परियोजनाओं के पूरा होने के बाद, जम्मू और श्रीनगर को तीन सड़क गलियारे (कॉरिडोर) मिलेंगे, जो वर्तमान में निष्पादन के विभिन्न चरणों में हैं। उन्होंने कहा कि श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-44) दो साल के भीतर पूरा हो जाएगा और यात्रा समय घटकर सिर्फ चार घंटे रह जाएगी। इसका मतलब दिल्ली से श्रीनगर तक कुल आठ घंटे का ड्राइविंग समय होगा।
गौरतलब है कि 24 जून, 2021 को दो साल में जम्मू-कश्मीर के राजनेताओं के साथ अपनी पहली मुलाकात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बात पर जोर दिया था कि जम्मू-कश्मीर में सभी लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की जरूरत हैं और साथ ही वे चाहते हैं कि 'दिल्ली की दूरी' और 'दिल की दूरी' मिटे। अगले दो वर्षों में श्रीनगर और दिल्ली के बीच रेल संपर्क को हरी झंडी देने के साथ-साथ गडकरी की महत्वाकांक्षी परियोजना शेष भारत के साथ कश्मीर के भौतिक एकीकरण की प्रक्रिया में एक वास्तविक गेम चेंजर साबित होगी। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जम्मू और श्रीनगर के बीच दूसरा सड़क गलियारा डोडा-किश्तवाड़ (एनएच-244) और तीसरा अखनूर-राजौरी-शोपियां (मुगल रोड) के माध्यम से वैकल्पिक धमनियों के रूप में काम करेगा।
गडकरी ने 650 किलोमीटर लंबे दिल्ली-कटरा एक्सप्रेस हाईवे का जिक्र करते हुए कहा कि काम अलग-अलग पैकेजों में बांटा गया है और पंजाब और हरियाणा में 16 पैकेजों पर काम पहले ही शुरू हो चुका है। उन्होंने कहा कि दिल्ली-कटरा एक्सप्रेस हाईवे के पूरा होने के बाद, दिल्ली-अमृतसर सहित प्रमुख शहरों के बीच यात्रा का समय चार घंटे, दिल्ली-कटरा छह घंटे और दिल्ली-श्रीनगर आठ घंटे का होगा। यह मेरा वादा है और इसे पूरा किया जाएगा। केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि 1350 किलोमीटर लंबे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर भी काम पूरा होने के विभिन्न चरणों में है, जो भारत की राजनीतिक और वित्तीय राजधानियों के बीच यात्रा के समय को 24 घंटे से घटाकर सिर्फ 12 घंटे कर देगा। इसके 90,000 करोड़ रुपए की लागत से पूरा होने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि दिल्ली-चंडीगढ़, दिल्ली-देहरादून, दिल्ली-हरिद्वार और दिल्ली-जयपुर रोड यात्रा सिर्फ दो घंटे में पूरी की जाएगी।
जम्मू और श्रीनगर के बीच चार लेन के राजमार्ग के संबंध में, गडकरी ने कहा कि पिछले दो पैकेजों पर काम तेजी से चल रहा है, जबकि 95 किलोमीटर लंबे जम्मू-उधमपुर-नाशरी खंड (जिसमें 10 किलोमीटर लंबी सुरंग भी शामिल है) पर 85 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। नाशरी और बनिहाल के बीच 60 किलोमीटर का खंड दिसंबर 2023 तक पूरा हो जाएगा। ये परियोजनाएं, जो क्षेत्र की कृषि, औद्योगिक और सामाजिक-आर्थिक प्रगति के साथ-साथ रक्षा बलों की तेज आवाजाही के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हैं, जम्मू और कश्मीर के बीच हर मौसम में संपर्क प्रदान करेंगी। परियोजनाएं विभिन्न जिला मुख्यालयों की ओर जाने वाली सभी प्रमुख सड़कों को जोड़ेगी और रोजगार और स्वरोजगार के अवसर पैदा करने में मदद करेंगी।
एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए मंत्री ने आगे कहा कि अगले दो वर्षों में जम्मू-कश्मीर में 1,00,000 करोड़ रुपए की सड़क संचार परियोजनाएं-1350 किलोमीटर लंबी 8-लेन वाली दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर कुल खर्च के बराबर- को क्रियान्वित किया जाएगा। केंद्र शासित प्रदेश में 50,000 करोड़ रुपए की लागत से बन रही सुरंगों पर पहले से ही काम चल रहा है। गडकरी की एक और उल्लेखनीय घोषणा एक सड़क के बारे में हुई, जिसमें कुपवाड़ा और तंगधार (एलओसी) के बीच साधना टॉप के नीचे एक सुरंग और एक सड़क शामिल है, जिसमें बफलियाज (राजौरी) से कश्मीर के शोपियां के पास पीर की गली तक एक सुरंग शामिल है। एक बार पूरा हो जाने पर, ये दो मार्ग दो पहाड़ी इलाकों के माध्यम से पूरे साल और चौबीसों घंटे कनेक्टिविटी प्रदान करेंगे।
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने कहा कि पर्यटन और औद्योगीकरण की सफलता के लिए पानी, बिजली, परिवहन और संचार चार चीजें अनिवार्य हैं, जो गरीबी को दूर करने, रोजगार पैदा करने और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में मदद करेंगी। उन्होंने आगे कहा कि केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर में विकास और समृद्धि लाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। जम्मू-कश्मीर में सड़कों के विकास का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि जब 2014 में भाजपा सत्ता में आई थी, तब जम्मू-कश्मीर में सड़कों की कुल लंबाई 1,695 किलोमीटर थी, जिसे 2021 तक बढ़ाकर 2,664 किलोमीटर कर दिया गया। उन्होंने कहा कि जम्मू एवं कश्मीर देश का वह हिस्सा है, जहां वर्तमान में 50,000 करोड़ रुपए से अधिक की सुरंगों का निर्माण किया जा रहा है। इनमें श्रीनगर-कारगिल-लेह राजमार्ग पर जोजिला के पास एशिया की सबसे लंबी सड़क सुरंग भी शामिल है। गडकरी ने कहा कि मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि मोदी सरकार के दौरान बुनियादी ढांचा पश्चिमी यूरोपीय मानकों के अनुरूप होगा।