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उत्तर रेलवे ने बनाया रिकॉर्ड, डीजल खपत पर प्रति वर्ष 65 करोड़ रुपए की होगी बचत

Updated Jul 10, 2020 | 13:51 IST

Northern Railway sets record : उत्तर रेलवे के दिल्ली मंडल ने ऐसी उपलब्धि हासिल की है। जिससे अब एलएचबी कोचों वाली सभी ट्रेनों में शुरू किया गया है। इससे करोड़ों रुपए की बचत होगी।

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उत्तर रेलवे ने बनाया कीर्तिमान
मुख्य बातें
  • उत्तर रेलवे के दिल्ली मंडल ने हेड ऑन जेनरेशन सिस्टम विकसित किया है
  • इससे ट्रेनों की परिचालन लागत में कमी और राजस्व में वृद्धि होगी
  • 150 कोच और 18 पावर कारों के संशोधन कार्य के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है

नई दिल्ली : उत्तर रेलवे के दिल्ली मंडल ने हेड ऑन जेनरेशन प्रणाली पर 44 ट्रेनों में 54 रैक को परिवर्तित कर एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। इस तकनीक को अब एलएचबी कोचों वाली सभी ट्रेनों में शुरू किया गया है। रेलवे के मुताबिक, इससे ऊर्जा बिलों में कटौती के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण में भी सहायता मिलेगी। इस तकनीक के अंतर्गत पेन्टोग्राफ के माध्यम से ट्रेन इंजन तक बिजली की लाइनों से ली गई बिजली का उपयोग इंजन को चलाने और डिब्बों को खींचने के लिए किया जाता है। इस नई प्रणाली में बिजली की जरूरतों के लिए ओवरहेड से ली गई बिजली इंजन से पीछे डिब्बों में वितरित की जाती है।

रेलवे ने बताया कि इससे परिचालन लागत में कमी और राजस्व में वृद्धि होगी। ट्रेनों में एचओजी सिस्टम की वजह से दिल्ली मंडल को तेल खपत में बचत होने की उम्मीद है। एचओजी सिस्टम में एक पॉवर कार को हटाया जा सकता है।

इस मसले पर मंडल रेलवे प्रबंधक एससी जैन कहा कि एचओजी तकनीक की वजह से जनरेटर कारों की डीजल खपत पर प्रति वर्ष करीब 65 करोड़ की बचत होगी। उन्होंने भी कहा कि दिल्ली मंडल ने गरीब रथ को एचओजी सिस्टम पर संचालित करने के लिए इन ट्रेनों के 150 कोच और 18 पावर कारों के संशोधन कार्य के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है।

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