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अब आप ईपीएफ बैलेंस को एनपीएस में कर सकते हैं ट्रांसफर, यहां जानें क्या है तरीका

Updated Jun 20, 2020 | 11:01 IST

How to transfer EPF balance in NPS: पीएफआरडीए ने अब ईपीएफ से नेशनल पेंशन स्कीम में निवेश की अनुमति दे दी है। जानकार बताते हैं कि एनपीएस में निवेश से रिटर्न बेहतर मिलने की उम्मीद ज्यादा होती है।

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एनपीएस में निवेश से ज्यादा फायदा मिलने की उम्मीद
मुख्य बातें
  • पीएफआरडीए ने ईपीएफ बैलेंस को एनपीएस में निवेश करने की दी है इजाजत
  • ईपीएफ में फिक्स्ड रेट पर ब्याज मिलता है और यह प्रत्येक वर्ष तय की जाती है।
  • एनपीएस में रेट ऑफ रिटर्न 7.5 से लेकर 14 फीसद तक हालांकि यह बाजार के उतार और चढ़ाव पर आधारित है।

नई दिल्ली। नौकरीपेशा लोगों के लिए जितनी फिक्र हर महीने की सैलरी से होती है उससे कहीं ज्यागा फिक्र इस बात से रहती है कि रिटायरमेंट के बाद क्या होगा। सरकारी नौकरी में जो लोग कार्यरत है उनके लिए ईपीएफ की व्यवस्था थी। लेकिन सरकार ने एक जनवरी 2004 के बाद जो लोग नौकरी में आए उनके लिए एनपीएस की व्यवस्था लागू की गई। इसके साथ ही एनपीएस की व्यवस्था प्राइवेट सेक्टर में भी लागू है। हम यहां बताएंगे कि ईपीएफ और एनपीएस में निवेश से किसमें बेहतर रिटर्न मिलेगा।

इसलिए ईपीएफ से एनपीएस बेहतर विकल्प
अगर एनपीएस की बात करें तो इसमें निवेश करना ईपीएफ से बेहतर माना जाता है। अगर 10 वर्ष तक एनपीएस में निवेश करें तो औसत रिटर्न 10 फीसद होता है हालांकि इसके लिए 50 फीसद हिस्सा इक्विटी और 50 फीसद हिस्सा सरकारी सेक्युरिटी में होना चाहिए। ईपीएफ और एनपीएस में सबसे बड़ा फर्क यह है कि एनपीएस में निवेश के लिए अलग अलग स्कीम उपलब्ध हैं जो इसे ईपीएफ से ज्यादा आकर्षक बनाती है। 

ईपीएफ बैलेंस को एनपीएस में ट्रांसफर करने का तरीका

  1. सबसे पहले आप अपना नियोक्ता के सहयोग या प्वाइंट ऑफ प्रजेंस के जरिए ऑनलाइन एनपीएस टीयर 1 खाता खोल सकते हैं। https://enps.nsdl.com/eNPS/NationalPensionSystem.html इसे लॉगइन करने के विस्तार से जानकारी मिल जाएगी। 
  2. एक बार जब आप अपना एनपीएस खाते को खोल लेंगे उसके बाद आप अपनी कंपनी में ईपीएफ बैलेंस ट्रांसफर के लिए आवेदन करेंगे। आप की कंपनी उसे संबंधित ईपीएफओ ऑफिस को भेज देगी। 
  3. ट्रांसफर रिक्वेस्ट मिलने के बाद ईपीएफओ की तरफ से ईपीएफ बैलेंस को ट्रांसफर करने की प्रक्रिया शुरू होगी। अगर आप सरकार कर्मचारी हैं तो जिस विभाद में आप कार्यरत हैं वो एनपीएस के लिए तय नोडल ऑफिस को चेक या ड्राफ्ट भेजेगा, यदि आप सरकारी कर्मचारी नहीं हैं तो आपका नियोक्ता पीओपी कलेक्शन अकाउंट के नाम से चेक या ड्राफ्ट भेजेगा। 
  4. नोडल ईपीएफओ दफ्तर, नियोक्ता को एक चिट्ठी लिखकर बताएगा कि कितनी धनराशि एनपीएस टीयर 1 में ट्रांसफर की जानी है। इस तरह की प्रक्रिया के बाद आपका एनपीएस खाता अपडेट हो जाएगा। 
  5. आप के चयन के मुताबिक आप के पैसे का एनपीएस निवेश करेगा। आप अधिकतम 50 फीसद निवेश इक्विटी और शेष डेब्ट स्कीम में कर सकते हैं। जहां ईपीएफ प्रत्येक वर्ष फिक्स्ड रिटर्न(जो हर साल तय की जाती है) देता है वहीं एनपीएस पर रिटर्न 7.5 से लेकर 14 फीसद मिलता है जो बाजार के हिसाब से बदलता रहता है।

पीएफआरडीए ने दी है इजाजत
एनपीएस के संबंध में रेगुलेटरी अथॉरिटी के तौर पर नियुक्त पीएफआरडीए ने ईपीएफ से एनपीएफ में फंड ट्रांसफर की इजाजत दी है। एनपीएस के तहत सब्सक्राइबर यानि कि निवेशक को 1.5 लाख के सालाना निवेश पर सेक्शन 80सी के तहत टैक्स में लाभ होगा इसके साथ ही सेक्शन 80 सीसीडी(1बी) के तहत भी 50 रुपए तक का लाभ मिलेगा। 

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