- चित्रा रामकृष्ण ने खुद के पीड़ित होने का दावा किया है।
- चित्रा ने निर्दोष होने का दावा किया है और कहा कि उन्हें फंसाया गया है।
- सीबीआई ने आनंद सुब्रमणियम और पूर्व सीईओ रवि नारायण के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर भी जारी किया था।
NSE Scam Case: सीबीआई (Central Bureau of Investigation) ने नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) में कथित अनियमितताओं के मामले में आनंद सुब्रमण्यम (Anand Subramanian) को गिरफ्तार कर लिया है। वह एनएसई की पूर्व सीईओ और एमडी चित्रा रामकृष्ण (Chitra Ramkrishna) के चीफ स्ट्रेटजी ऑफिसर (CSO) थे। माना जा रहा है कि चित्रा ने हिमालय के जिस योगी से सलाह लेने की बात कही थी, वह सुब्रमण्यम ही थे।
क्या सुब्रमण्यम ही हैं 'हिमालय का योगी'?
माना जा रहा है कि चित्रा ने हिमालय के जिस योगी से सलाह लेने की बात कही थी, वह सुब्रमण्यम ही थे। हालांकि इस तरह की खबरों का टाइम्स नाउ नवभारत पुष्टि नहीं करता है। सीबीआई जांच में कहा गया है कि ग्रुप ऑपरेटिंग ऑफिसर आनंद सुब्रमण्यम की नियुक्ति एनएसई की अध्यक्ष और एमडी चित्रा रामकृष्णन से प्रभावित थी। इससे पहले एनएसई के पूर्व चेयरमैन अशोक चावला ने सेबी को लिखे पत्र में कहा था कि रहस्यमयी हिमालयी 'योगी', जो एनएसई के पूर्व प्रबंध निदेशक चित्रा रामकृष्ण को महत्वपूर्ण मामलों पर सलाह देते थे, वह कोई और नहीं बल्कि आनंद सुब्रमण्यम हो सकते हैं।
आनंद सुब्रमण्यम को सीबीआई ने किया गिरफ्तार, NSE की पूर्व एमडी चित्रा रामकृष्ण के थे सलाहकार
कौन हैं आनंद सुब्रमण्यम? (Who is Anand Subramanian)
आनंद एनएसई की पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) चित्रा रामकृष्ण (Chitra Ramkrishna) के एडवाइजर और ग्रुप ऑपरेटिंग ऑफिसर (GOO) थे। रामकृष्ण आनंद को अप्रैल 2013 में एमडी के मुख्य रणनीतिक सलाहकार के रूप में लाईं। आनंद सुब्रमण्यम पारिवारिक संबंधों के माध्यम से चित्रा रामकृष्ण से संबंधित हैं। वह साल 2013 तक बाल्मर लॉरी की एक सहायक कंपनी के लिए मध्य स्तर के कार्यकारी के रूप में काम कर रहे थे।
सीएनबीसी टीवी-18 की रिपोर्ट के अनुसार, आनंद की नियुक्ति के लिए एनएसई के एचआर विभाग से सलाह नहीं ली गई थी। मुख्य रणनीतिक सलाहकार के पद का विज्ञापन भी नहीं किया गया था। सुब्रमण्यम को 1.68 करोड़ रुपये के पैकेज का भुगतान किया गया, जो कि उनकी पिछली नौकरी में प्रति वर्ष 15 लाख रुपये था।