- यूक्रेन और रूस के युद्ध (Russia-Ukraines War) से तेल की कीमतें प्रभावित हुई हैं।
- ब्लैक सी विश्व सूरजमुखी तेल उत्पादन का 60 फीसदी और निर्यात का 76 फीसदी हिस्सा है।
- रूस का आक्रमण समाप्त होने तक यूक्रेन में बंदरगाह बंद रहेंगे।
Edible Oil Price: मार्च के पहले ही दिन जनता को झटका लगा है। 19 किलोग्राम वाले एलपीजी सिलेंडर और 5 किलो वाले छोटू सिलेंडर (LPG Gas Cylinder Price) के अलावा आज से देश में को कंपनियों ने दूध की कीमत (Milk Price Increased) भी बढ़ा दी है। अब पहली बार चार प्रमुख खाद्य तेलों (Edible Oil) में पाम तेल (Palm oil) सबसे महंगा हो गया है।
यूक्रेन और रूस के बीच संघर्ष के कारण सूरजमुखी तेल का आयात प्रभावित हो रहा है। भारत में एक साल में 25 लाख टन सूरजमुखी तेल का आयात किया जाता है। इसमें से 70 फीसदी आयात यूक्रेन से होता है, 20 फीसदी रूस से और 10 फीसदी सूरजमुखी तेल अर्जेंटीना से आता है। खरीदार सूरजमुखी तेल शिपमेंट के लिए रिप्लेसमेंट कर रहे हैं।
कच्चे पाम तेल की कीमत
भारत में मार्च शिपमेंट के लिए कच्चे पाम तेल (CPO) की कीमत 1,925 डॉलर प्रति टन की पेशकश की जा रही है, जिसमें लागत, बीमा और माल ढुलाई (CIF) शामिल है। कच्चे सोयाबीन तेल की कीमत 1,865 डॉलर है। कच्चे रेपसीड तेल करीब 1,900 डॉलर हो गया, जबकि व्यापारी कच्चे सूरजमुखी के तेल की पेशकश नहीं कर रहे थे क्योंकि यूक्रेन संकट के कारण बंदरगाह बंद हैं।
इसलिए बढ़ी पाम तेल की कीमत
एक वैश्विक ट्रेडिंग फर्म के मुंबई स्थित डीलर ने कहा कि, 'एशियाई और यूरोपीय रिफाइनर ने सनऑयल को रिप्लेस करने के लिए पाम तेल की खरीद बढ़ा दी है। इस खरीद से पाम तेल की कीमत बढ़ गई है।' उन्होंने कहा कि, 'उनके पास सोया तेल खरीदने का भी विकल्प है। लेकिन सोया तेल की शिपमेंट सीमित है और पाम तेल की तुलना में एशिया में उतरने में उन्हें अधिक समय लगता है।' Kuala Lumpur स्थित एक खाद्य तेल डीलर ने कहा कि कीमत के प्रति संवेदनशील एशियाई खरीदार परंपरागत रूप से कम लागत और त्वरित शिपिंग समय के कारण पाम तेल पर निर्भर थे।
डीलर ने कहा कि पाम तेल का मूल्य प्रीमियम अस्थायी है, और अगले कुछ हफ्तों में कम हो सकता है क्योंकि खरीदार अप्रैल शिपमेंट के लिए सोया तेल में स्थानांतरित हो सकते हैं।