- हाल ही में भारतीय ड्रोन संघ ने बृहस्पतिवार को जापान के फुकुशिमा रोबोट परीक्षण फिल्ड के साथ MoU पर हस्ताक्षर किया था।
- इससे स्वदेशी ड्रोन उद्योग को मजबूती मिलेगी।
- ड्रोन टेक्नोलॉजी और कारोबार में प्रगति के लिए सरकार कदम उठा रही है।
Production Linked Incentive Scheme: नागरिक उड्डयन मंत्रालय (Ministry of Civil Aviation) ने शुक्रवार को घोषणा की कि सरकार ने 120 करोड़ रुपये की प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजना के लिए ड्रोन उद्योग (Drone Industry) से आवेदन आमंत्रित किए हैं। मंत्रालय ने कहा कि आवेदन पत्र जमा करने की अंतिम तिथि 31 मार्च 2022 है।
पीएलआई स्कीम को 30 सितंबर 2021 को अधिसूचित किया गया था। यह अगले तीन वित्तीय वर्षों में भारत में ड्रोन के निर्माण के लिए कुल 120 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन प्रदान करना चाहती है। योजना के तहत दिए जाने वाला प्रोत्साहन वित्तीय वर्ष 2020-21 में सभी घरेलू ड्रोन निर्माताओं के संयुक्त कारोबार का लगभग दोगुना है।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने ट्वीट कर दी जानकारी
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने ट्वीट किया कि, 'गली मोहल्ला पहुंचेगा उड़न खटोला। पीएम के #AatmanirbharBharat के दृष्टिकोण को पूरा करने के लिए भारतीय ड्रोन उद्योग की क्षमता का लाभ उठाने के उद्देश्य से, MoCA भारतीय ड्रोन निर्माताओं को प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव के लिए आवेदन करने के लिए आमंत्रित करता है।'
पीएलआई रेट वैल्यू एडिशन का 20 फीसदी है, जो पीएलआई योजनाओं में सबसे अधिक है। पीएलआई दर को सभी तीन वर्षों के लिए 20 फीसदी पर स्थिर रखा गया है।
योजना के अनुसार, न्यूनतम मूल्यवर्धन मानदंड ड्रोन और ड्रोन घटकों के लिए शुद्ध बिक्री का 50 फीसदी के बजाय 40 फीसदी है, ड्रोन के लिए एक्सेप्शनल ट्रीटमेंट है। एमएसएमई और स्टार्टअप के लिए पात्रता मानदंड आसान हैं।