नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बजट 2021 की सराहना करते हुए कहा कि यह भारत के आत्मविश्वास को उजागर और 'आत्मनिर्भर भारत' का बजट है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बजट से देश का प्रत्येक नागरिक सशक्त होगा। बजट के केंद्र में गांव और किसान हैं। पीएम ने कहा कि यह बजट देश के हर क्षेत्र के विकास की बात करता है। कृषि क्षेत्र को मजबूती देने और किसानों की आय बढ़ाने के लिए बजट में कई कदम उठाए गए हैं। इससे आम लोगों के जीवन के स्तर में सुधार होगा।
देश और दुनया में आत्मविश्वास भरेगा यह बजट-पीएम
पीएम मोदी ने कहा, 'आज का बजट भारत के आत्मविश्वास को उजागर करने वाला है। यह दुनिया में एक अत्मविश्वास भरने वाला है। आज के बजट में आत्मनिर्भरता का विजन और हर नागरिक एवं वर्ग का समावेश भी है। इस बजट में लोगों के लिए नए अवसरों का विस्तार, युवाओं के लिए रोजगार के नए मौकों का निर्माण और आधुनिकता की तरफ आगे बढ़ने का लक्ष्य है। इसमें आम लोगों के जीवन स्तर को बढ़ाने पर जोर दिया गया है।'
'सरकार ने प्रो-एक्टिव बजट दिया'
उन्होंने कहा, 'यह बजट बहुत सकारातमक बदलाव लाएगा। ऐसे बजट देखने को कम मिलते हैं। कोरोना के चलते कई विशेषज्ञ मान कर चल रहे थे कि सरकार आम आदमियों पर बोझ बढ़ाएगी। वित्तीय घाटे को देखते हुए सरकार ने बजट का आकार बढ़ाया है। विशेषज्ञों ने इस बजट की सराहना की है। हमने प्रो-एक्टिव बजट दिया है। इससे वेल्थ और वेलनेस बढ़ेगा। यह बजट देश के हर क्षेत्र में विकास की बात करता है। खासतौर पर इस बजट में दक्षिण, पूर्वोत्तर के राज्यों के विकास पर विशेष ध्यान दिया गया है। राज्य के तटवर्ती राज्यों के विकास पर भी खासा जोर है।'
बजट के केंद्र में गांव और किसान-पीएम
प्रधानमंत्री ने कहा कि महिलाओं का जीवन आसान बनाने और उन्हें समान अवसर देने के लिए बजट में प्रावधान किया गया है। कृषि क्षेत्र को मजबूती देने और किसानों की आय बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। किसानों को पहले से ज्यादा अब लोन मिल सकेगा। मंडियों को मजबूत बनाया गया है। बजट के केंद्र में गांव और किसान हैं। एमएसपी का बजट दोगुना से ज्यादा कर दिया गया है। इस बजट से देश का प्रत्येक नागरिक सशक्त होगा। यह आत्मनिर्भर भारत का बजट है।
मध्यम वर्ग को राहत नहीं
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को मौजूदा वित्तीय वर्ष के लिए बजट 2021-22 पेश किया। वित्त मंत्री ने इस बार मध्यम वर्ग कोई राहत नहीं दी है। इस बार टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया है। बीमा क्षेत्र में सरकार ने एफडीआई की सीमा 49 प्रतिशत से बढ़ाकर 74 प्रतिशत कर दी है। सरकार विनिवेश के रास्ते पर आगे बढ़ी है। बजट में कृषि, स्वास्थ्य और बुनियादी संरचनाओं पर विशेष जोर दिया गया है।