- बाजार में जल्द 5जी लाने के लिए सामूहिक प्रयास की जरूरत है
- इस दशक के अंत तक 6G के आरंभ के लिए टास्क फोर्स काम करना शुरू कर चुका है।
- ट्राई की स्थापना साल 1997 में भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण अधिनियम, 1997 के अंतर्गत हुई थी।
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने मंगलवार को भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (TRAI) की 25 वीं वर्षगांठ पर आयोजित एक कार्यक्रम (25th anniversary of TRAI) को संबोधित किया। इस दौरान प्रधानमंत्री ने कई बड़े ऐलान किए। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि अगले डेढ़ दशकों में 5G से देश की इकोनॉमी में 450 अरब डॉलर का योगदान होने वाला है। इससे ना सिर्फ देश की प्रगति होगी, बल्कि रोजगार के अवसरों को भी गति मिलेगी।
पीएम ने की 5जी टेस्ट बेड की शुरुआत
प्रधानमंत्री ने वीडियो कांफ्रेंस के जरिए इस कार्यक्रम को संबोधित किया और साथ ही एक डाक टिकट (Postal Stamp) भी जारी किया। इतना ही नहीं, उन्होंने 5जी टेस्ट बेड (5G Test Bed) की भी शुरुआत की। जिसे आईआईटी मद्रास के नेतृत्व में आठ संस्थानों द्वारा मल्टी इंस्टीट्यूट सहयोगी परियोजना के रूप में विकसित किया गया है।
परियोजना में भाग लेने वाले अन्य संस्थानों में आईआईटी दिल्ली, आईआईटी हैदराबाद, आईआईटी बॉम्बे, आईआईटी कानपुर, आईआईएस बैंगलोर, सोसाइटी फॉर एप्लाइड माइक्रोवेव इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग एंड रिसर्च (SAMEER) और सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन वायरलेस टेक्नोलॉजी (CEWiT) शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि, '21वीं सदी के भारत में कनेक्टिविटी, देश की प्रगति की रफ्तार को निर्धारित करेगी। ऐसे में हर स्तर पर कनेक्टिविटी को आधुनिक बनाना होगा।' 5जी टेक्नोलॉजी देश के गवर्नेंस में, ईज ऑफ लाइफ में और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में सकारात्मक बदलाव लाने वाली है। इससे खेती, हेल्थ, एजुकेशन, इंफ्रास्ट्रक्चर और हर सेक्टर में प्रगति को बल मिलेगा।
आगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि, 'हमने 3जी, 4जी, 5जी और 6जी की ओर तेजी से कदम बढ़ाए हैं। ये बदलाव बहुत आसानी और पारदर्शिता से हुए। इसमें भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण ने अहम भूमिका निभाई है।' इस परियोजना को 220 करोड़ रुपये से ज्यादा की लागत से तैयार किया गया है। यह भारतीय स्टार्टअप्स के लिए भी लाभदायक होगी।