- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 जून को भारतीय चैंबर ऑफ कॉमर्स को संबोधित किया
- कुछ दिन पहले उन्होंने भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) की वार्षिक बैठक को संबोधित किया था
- पीएम मोदी कहा कि आत्म निर्भर भारत, आत्मनिर्भरता का ये भाव बरसों से हर भारतीय ने एक एस्पिरेशन की तरह जिया है
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज (11 जून) वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए भारतीय चैंबर ऑफ कॉमर्स (ICC) के 95वें वार्षिक सत्र को संबोधित किया। PM मोदी ने कहा कि 95 वर्ष से निरंतर देश की सेवा करना, किसी भी संस्था या संगठन के लिए अपने आप में बहुत बड़ी बात होती है। ICC ने पूर्वी भारत और नॉर्थ ईस्ट के विकास में जो योगदान दिया है, विशेषकर वहां की मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट्स को वो भी ऐतिहासिक है। पीएम ने कहा कभी-कभी समय भी हमें परखता है, हमारी परीक्षा लेता है। कई बार अनेक कठिनाइयां, अनेक कसौटियां एक साथ आती हैं। लेकिन हमने ये भी अनुभव किया है कि इस तरह की कसौटी में हमारा कृतित्व, उज्ज्वल भविष्य की गारंटी भी लेकर आता है। इससे पहले 2 जून को, प्रधानमंत्री मोदी ने एक वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से, भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) की वार्षिक आम बैठक में सबसे आगे भाग लिया था।
भारत की आत्मनिर्भरता का लक्ष्य सर्वोपरि
पीएम मोदी ने कहा कि ICC ने 1925 में अपने गठन के बाद से आजादी की लड़ाई को देखा है, भीषण अकाल और अन्न संकटों को देखा है। अब इस बार की ये AGM एक ऐसे समय में हो रही है, जब हमारा देश Multiple Challenges को Challenge कर रहा है। पीएम मोदी कहा कि आत्म निर्भर भारत, आत्मनिर्भरता का ये भाव बरसों से हर भारतीय ने एक एस्पिरेशन की तरह जिया है। लेकिन फिर भी एक बड़ा काश, एक बड़ा काश, हर भारतीय के मन में रहा है, मस्तिष्क में रहा है। बीते 5-6 वर्षों में, देश की नीति और रीति में भारत की आत्मनिर्भरता का लक्ष्य सर्वोपरि रहा है। अब कोरोना संकट ने हमें इसकी गति और तेज करने का सबक दिया है। इसी सबक से निकला है- आत्मनिर्भर भारत अभियान। हर देशवासी अब इस संकल्प से भी भरा हुआ है कि इस आपदा को अवसर में परिवर्तित करना है, इसे हमें देश का बहुत बड़ा टर्निंग पॉइंट भी बनाना है। ये टर्निंग पॉइंट क्या है? आत्म निर्भर भारत, आत्मनिर्भरता का ये भाव बरसों से हर भारतीय ने एक आकांक्षा की तरह जिया है।
पीएम मोदी ने कहा कि ये समय अवसर को पहचानने का है, खुद को आजमाने का है और नई बुलंदियों की ओर जाने का है। ये अगर सबसे बड़ा संकट है, तो हमें इससे सबसे बड़ी सीख लेते हुए, इसका पूरा लाभ भी उठाना चाहिए।
गुरुवर टैगोर ने अपनी कविता ‘नूतोन जुगेर भोर’ में कहा है-
“चोलाय चोलाय बाजबे जोयेर मेरी,
पाएर बेगेई पोथ केटे जाय कोरिश ना आर देरी” यानि
“हर आगे बढ़ने वाले कदम पर घोषनाद होगा।
दौड़ते पाँव ही नया रास्ता बना देंगे।
अब देरी मत करो”
कहीं बाढ़ की चुनौती, कहीं टिड्डी का कहर, कहीं ओलावृष्टि
पीएम ने कहा कि कोरोना वायरस से पूरी दुनिया लड़ रही है, भारत भी लड़ रहा है लेकिन अन्य तरह के संकट भी निरंतर खड़े हो रहे हैं। कहीं बाढ़ की चुनौती, कहीं टिड्डी का कहर, कहीं ओलावृष्टि, असम की ऑयल फील्ड में आग, लगातार छोटे-छोटे भूकंप की खबरें।
मन के हारे हार, मन के जीते जीत
हमारे यहां कहा जाता है- मन के हारे हार, मन के जीते जीत। यानि हमारी संकल्पशक्ति, हमारी इच्छाशक्ति ही हमारा आगे का मार्ग तय करती है। जो पहले ही हार मान लेता है उसके सामने नए अवसर कम ही आते हैं।
LED बल्ब से 19 हजार करोड़ रुपए बिजली के बिल की बचत
पीएम मोदी ने कहा कि 5-6 वर्ष पहले एक LED बल्ब 350 रुपए से भी ज्यादा में मिलता था आज प्रतिवर्ष देशवासियों के करीब-करीब 19 हजार करोड़ रुपए बिजली के बिल में, LED की वजह से बच रहे हैं। ये बचत गरीब को हुई है, ये बचत देश के मध्यम वर्ग को हुई है।
बंगाल की ऐतिहासिक श्रेष्ठता को पुनर्जीवित करना है
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैन्युफैक्चरिंग में बंगाल की ऐतिहासिक श्रेष्ठता को हमें पुनर्जीवित करना होगा। हम हमेशा सुनते आए हैं "व्हॉट बंगाल थिंक्स टुडे, इंडिया थिंक्स टुमॉरो।" हमें इससे प्रेरणा लेते हुए आगे बढ़ना होगा। भारत में एक और अभियान अभी चल रहा है- देश को सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त करने का। इसमें 'People, Planet और Profit' तीनों ही विषय एड्रेस होते हैं। विशेषकर पश्चिम बंगाल के लिए तो ये बहुत ही फायदेमंद है। इससे आपके यहां जूट का कारोबार बढ़ने की संभावना बढ़ती है।
आयात करने की मजबूरी खत्म हो
पीएम मोदी ने हर वो चीज, जिसे आयात करने के लिए देश मजबूर हैं, वो भारत में ही कैसे बने, भविष्य में उन्हीं का भारत निर्यात कैसे बने, इस दिशा में हमें और तेजी से काम करना है। किसानों और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए जो निर्णय हाल में हुए हैं, उन्होंने एग्रीकल्चर इकोनॉमी को बरसों की गुलामी से मुक्त कर दिया है। अब भारत के किसानों को अपने प्रोडक्ट, अपनी उपज देश में कहीं पर भी बेचने की आजादी मिल गई है।
एग्रीकल्चर इकोनॉमी को बरसों की गुलामी से मुक्त
किसानों और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए जो निर्णय हाल में हुए हैं, उन्होंने एग्रीकल्चर इकोनॉमी को बरसों की गुलामी से मुक्त कर दिया है। अब भारत के किसानों को अपने प्रोडक्ट, अपनी उपज देश में कहीं पर भी बेचने की आजादी मिल गई है।
क्लस्टर बेस्ड अप्रोच को अब भारत में बढ़ावा
पीएम मोदी ने कहा कि लोकल प्रोडक्ट्स के लिए जिस क्लस्टर बेस्ड अप्रोच को अब भारत में बढ़ावा दिया जा रहा है, उसमें भी सभी के लिए अवसर ही अवसर है। जिन जिलों, जिन ब्लॉक्स में जो पैदा होता है, वहीं आसपास इनसे जुड़े क्लस्टर विकसित किए जाएंगे।
CII के 125 वें वार्षिक सत्र को संबोधित करते हुए, प्रधान मंत्री ने कहा था कि विश्व को एक विश्वासी, विश्वसनीय पार्टनर की तलाश है। भारत में पॉटेंशियल, स्ट्रेंथ और एबिलिटी है। आज, भारतीय उद्योगों को भारत के प्रति विश्व में बढ़े हुए विश्वास का लाभ उठाना चाहिए। विकास को वापस पाना इतना मुश्किल नहीं है। सबसे बड़ी बात यह है कि भारतीय उद्योगों में आत्मनिर्भरता का रास्ता साफ है। उन्होंने सीआईआई की बैठक में कहा था कि भारतीय उद्योगों को भारत के प्रति बढ़े हुए विश्वास का लाभ उठाना चाहिए क्योंकि दुनिया एक ट्रस्टेड और विश्वसनीय भागीदार की तलाश कर रही है। उन्होंने कहा था देश को अब उन प्रोडक्ट्स का निर्माण करने की जरूरत है जो 'मेड इन इंडिया' हैं, लेकिन 'मेड फॉर द वर्ल्ड' हों। प्रधानमंत्री ने कहा था कि प्रधान मंत्री गरीब कल्याण योजना के 74 करोड़ लाभार्थियों को राशन प्रदान किया गया है, जबकि प्रवासी मजदूरों को मुफ्त में राशन भी प्रदान किया जा रहा है।