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PMAY : सर्वे में चौंकाने वाला खुलासा, '46% से अधिक घर खरीदार प्रधानमंत्री आवास योजना से अनजान'

Updated Mar 26, 2021 | 18:55 IST

बेसिक होम लोन के सर्वे नतीजों से यह बात सामने आई है कि प्रधानमंत्री आवास योजना को लेकर वास्तविकता और सामान्य समझ में काफी अंतर है।

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प्रधानमंत्री आवास योजना

नई दिल्ली : हालिया बजट में सरकार की तरफ से अफोर्डेबल होम सेगमेंट के लिए टैक्स में छूट की घोषणा के बावजूद इस कैटेगरी में घर के 46% से अधिक खरीदार प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के बारे में अनजान हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना के बारे में घर खरीदारों की समझ को जांचने के लिए बेसिक होम लोन की तरफ से इस तरह के पहले सर्वे के दौरान यह जानकारी सामने आई है। ‘2022 तक सभी के लिए आवास’ के लक्ष्य के साथ PMAY योजना की शुरुआत की गई थी। जागरूकता आधारित इस सर्वे में पिछले नौ महीनों के दौरान करीब 1,000 से अधिक अफोर्डेबल आवास लोन लेने वाले ग्राहकों को शामिल किया गया।

बेसिक होम लोन के सर्वे नतीजों से यह बात सामने आई है कि इस आवासीय योजना को लेकर वास्तविकता और सामान्य समझ में काफी अंतर है। बेसिक होम लोन भारत में मध्य और निम्न आय वाले परिवारों के लिए ऑटोमेटेड होम लोन मुहैया कराने वाली फिनटेक स्टार्टअप है। PMAY योजना का मकसद सभी को सम्मानपूर्वक एक घर मुहैया कराना है।

सर्वे में शामिल 17% लोगों को इस बात की जानकारी थी कि इस योजना के तहत अधिकतम 2.67 लाख रुपए की सब्सिडी मिलती है। हालांकि इस योजना का लाभ लेने के लिए महिला का मालिक होने की अनिवार्य शर्त को लेकर लोगों में स्पष्टता का अभाव दिखा। सर्वे में शामिल केवल 48% लोगों को इस बात की जानकारी थी कि इस योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर (EWS) और निम्न आय समूह (LIG) वाले ग्राहकों को प्राथमिकता दी जाती है। 

सर्वे में शामिल करीब आधे से अधिक लोगों को इसके तहत मिलने वाले लोन की अवधि के बारे में भ्रामक जानकारी थी। वह इसे 20 साल के बदले 30 साल का कर्ज समझ रहे थे। केवल 37 फीसदी ने इसका सही जवाब दिया।

गौरतलब है कि वर्ष 2015 में इंदिरा आवास योजना (IAY) का नाम बदलकर प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) कर दिया गया है। नई योजना में ग्रामीण क्षेत्रों के साथ ही शहरी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को भी इसके दायरे में लाया गया है। 

बेसिक होम लोन के सीईओ अतुल मोंगा मानते हैं कि इस योजना के योग्य लाभार्थियों को कर्जदाताओं के समक्ष आवेदन देने की प्रक्रिया से गुजरने के बजाए इसका लाभ स्वाभाविक तौर पर मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस योजना की घोषणा को छह साल हो चुके हैं। चूंकि इसमें दो अन्य श्रेणियों को जोड़ा गया है, लेकिन इसके बावजूद इस योजना का लाभ लेने की योग्यता रखने वाली आबादी को इसके बारे में बुनियादी स्पष्टता नहीं है। कर्जदाताओं, सरकार और मौजूदा व्यवस्था को इस बारे में और अधिक जागरूकता फैलाने और शिक्षित करने की जिम्मेदारी लेने की जरूरत है।

PMAY जैसी अफोर्डेबल होम स्‍कीम के बारे में जागरूकता की कमी को पाटने की जरूरत बताते हुए मोंगा ने कहा कि इस योजना के बारे में सही जानकारी शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में पहली बार घर खरीदने वाले लाखों लोगों की आवास संबंधी चिंताओं का समाधान कर सकती है। उन्होंने आगे कहा कि शहरी क्षेत्रों में एमआईजी I और II कैटेगरी के लिए डेडलाइन के नजदीक आने के साथ ही जागरूकता का मुद्दा अहम हो गया है। 2022 तक 3.41 करोड़ शहरी-आवास की कमी और इसे पूरा करने के लिए बचा हुआ सीमित समय इस योजना के बारे में जागरूकता बढ़ाए जाने के बारे में बल देने वाला है।

PMAY का लाभ उठाने के लिए पहली बार महिला गृहस्वामी की पात्रता में होने वाला परिवर्तन संदेह बढ़ाने वाला है। क्या शादी के बाद की स्थिति में इस योजना का लाभ लेने के मामले में महिला आवेदकों की दावेदारी खत्म हो जाती है क्योंकि पारिवारिक आदमनी का स्तर इसके बाद बदल जाता है? यह कुछ वैसे सवाल हैं, जो इस योजना के बारे में आम आदमी की समझ को भ्रमित करते हैं।

नई सुविधाओं और दो अतिरिक्त कैटेगरी के साथ PMAY योजना के डेडलाइन को बढ़ाकर 31 मार्च 2021 तक कर दिया गया है, जिसमें मुख्य तौर पर एमआईजी I और एमआईजी II (माध्यम आय वर्ग I और II) शामिल हैं। मौजूदा एलआईजी और ईडब्ल्यूएस कैटेगरी के लिए डेडलाइन को बढ़ाकर 31 मार्च 2022 तक कर दिया गया है।
 

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