- रेल मंत्रालय के फैसले के बाद IRCTC के शेयरों में भारी गिरावट आई थी।
- हर सरकारी कंपनी के शेयरों पर बुरा असर पड़ने का खतरा था।
- मार्केट सेंटिमेंट को रेलवे के इस फैसले से बड़ा झटका लगा था।
रेल मंत्रालय ने IRCTC के मुनाफे में हिस्सेदारी से जुड़ा अपना फैसला वापस ले लिया है। रेलवे बोर्ड ने कहा था कि IRCTC ई-टिकट पर होने वाली कमाई का 50 फीसदी हिस्सा रेलवे को दे। यह आदेश 1 नवंबर 2021 से लागू होना था। यह मामला IRCTC ई-टिकटों पर जो कन्वेनियंस फी वसूलता है, उसकी हिस्सेदारी को लेकर था। दरअसल घर बैठे ऑनलाइन टिकट बुक कराने के बदले IRCTC रेल मुसाफिरों से सुविधा शुल्क लेती है। यह शुल्क स्लीपर क्लास लेकर AC क्लास के अलग-अलग दर्जे पर 20, 30 और 40 रुपए का होता है।
वर्ष 2020-21 में IRCTC ने इससे करीब 300 करोड़ रुपए कमाए थे। रेलवे आगे के लिए इसी कमाई का आधा हिस्सा मांग रहा था। दरअसल IRCTC रेल मंत्रालय की ही कंपनी है, जिसमें रेलवे की हिस्सेदारी 67 फीसदी है और बाकी हिस्सेदारी निजी निवेशकों की है लेकिन IRCTC के शेयरों में हुई भारी गिरावट के बाद इस आदेश को वापस ले लिया गया। इस तरह के आदेश से मार्केट के सेंटिमेंट पर बड़ा असर पड़ने का खतरा हो गया था।
रेलवे ने गुरुवार को ही कन्वेनियंस फी या सुविधा शुल्क में हिस्सेदारी से जुड़ा यह आदेश दिया था। उसके बाद से IRCTC के शेयरों में भारी गिरावट देखी जा रही थी। गुरुवार को एक समय में यह 923 पर था लेकिन लगातार गोते लगाते हुए यह शुक्रवार सुबह गिरकर 650 तक चला गया। इसका पूरे शेयर बाजार के सेंटिमेंट पर बुरा असर देखा जा रहा था। फिर रेलवे ने अपना यह आदेश वापस लिया और IRCTC के शेयरों में कुछ सुधार देखा गया।
19 अक्टूबर को IRCTC का मार्केट कैप 1 लाख करोड़ का हो गया था। IRCTC के अलावा इतनी वैल्यू वाली केवल 8 और सरकारी कंपनी है। पिछले एक साल में IRCTC ने अपने निवेशकों को 300 फीसदी का फायदा तक दिया। यानी तीन गुना मुनाफा, जो कि मार्केट के लिहाज से बहुत बड़ी कमाई है। उसके बाद 20 अक्टूबर के दोपहर IRCTC ने दो बार लोवर सर्किट लगाया। इससे एक घंटे में ही IRCTC से शेयर की कीमत 19 फीसदी तक गिर गई। लोवर सर्किट SEBI का एक हथियार है जो बाजार पर नियंत्रण रखने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
लोवर और अपर सर्किट से बाजार में तेजी से आ रहे उतार या चढ़ाव पर लगाम लगाई जाती है। इसके तहत दिनभर के लिए ट्रेडिंग रोक दी जाती है। लेकिन अगले दिन प्रॉफिट बुकिंग और सेलिंग प्रेशर में इसके शेयर ने फिर से गोता लगाया और यह अपने टॉप पोजिशन से करीब 30 फीसदी तक नीचे चला गया। IRCTC ने अपने निवेशकों को बड़ा मुनाफा दिया था और बाजार में इस तरह की उम्मीद की जा रही थी लेकिन उसके बाद से IRCTC मार्केट सेंटिमेंट को बेहतर करने के लगातार कोशिश कर रही थी। इसी के तहत वो रेलवे से लगातार कैटरिंग सर्विसेस को भी शुरू करने की मांग कर रही थी जो कि कोविड से समय से बंद है।