- इस साल 27 जनवरी से ही एयर इंडिया पूरी तरह से टाटा समूह का हिस्सा बन चुकी है।
- इसके लिए नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने टाटा समूह को बधाई भी दी थी।
- सिंधिया ने टाइम्स नाउ नवभारत को बताया था कि सरकार ने कर्मचारियों की हर तरह से रखवाली की है।
Ratan Tata welcomes Air India Passengers: 27 जनवरी को टाटा समूह ने देश की राष्ट्रीय वाहक एयर इंडिया का अधिग्रहण किया। टाटा समूह ने एयर इंडिया को 'विश्व स्तरीय एयरलाइन' बनाने का वादा किया। सौदे के कुछ दिनों बाद, टाटा संस के चेयरमैन और टाटा ट्रस्ट के चेयरमैन रतन टाटा ने यात्रियों को एक संदेश दिया। एयर इंडिया के आधिकारिक ट्विटर हैंडल में रतन टाटा के इस स्वागत मेसेज की एक क्लिप पोस्ट की गई।
यहां सुनिए रतन टाटा का पूरा संदेश: (Ratan Tata Message)
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69 साल बाद हुई घर वापसी
69 साल बाद एयर इंडिया अपने संस्थापक टाटा समूह के पास लौट आई है। अक्टूबर 2021 में टाटा ने एयरलाइन का अधिग्रहण करने के लिए बोली जीती थी। टाटा संस ने केंद्र के साथ 18,000 करोड़ रुपये का सौदा किया।
टाटा समूह के अध्यक्ष ने बताया ऐतिहासिक क्षण
टाटा संस के अलावा स्पाइसजेट के प्रमोटर अजय सिंह के नेतृत्व वाले कंसोर्टियम ने भी एयर इंडिया के लिए बोली लगाई थी। इस कंपनी ने 15,100 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी। लेकिन, बोली जीतने के बाद टाटा समूह के अध्यक्ष एन चंद्रशेखरन ने इसे एक 'ऐतिहासिक क्षण' कहा और साथ ही यह भी कहा कि वे एक विश्व स्तरीय एयरलाइन विकसित करने का प्रयास करेंगे।
अधिग्रहण के बाद चंद्रशेखरन ने एयरलाइन के कर्मचारियों का स्वागत किया था। उन्होंने बताया किया कि उन्होंने पहली उड़ान दिसंबर 1986 में AI पर ली थी। मालूम हो कि एयर इंडिया के टाटा के साथ विलय के बाद, इसके 7,000 से अधिक कर्मचारियों को सोशल सिक्योरिटी कवरेज के लिए कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) का हिस्सा बनाया गया था। सरकार की रिटायरमेंट निधि निकाय लगभग 7,453 कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करेगी।