नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India, RBI) ने 2 मार्च को एक और बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया है। इससे बैंक के कर्मचारी और डिपॉजिटर्स को दिक्कत हो सकती है। कमजोर वित्तीय स्थिति का हवाला देते हुए केंद्रीय बैंक ने महाराष्ट्र में सरजेरोदादा नाइक शिराला सहकारी बैंक (Sarjeraodada Naik Shirala Sahakari Bank) का लाइसेंस रद्द कर दिया है।
आरबीआई ने कहा कि यह 2 मार्च 2022 को कारोबार की समाप्ति से प्रभावी होगा। इसके अलावा, कमिशनर फॉर कॉपरेशन एंड रेजिस्ट्रार ऑफ कॉपरेटिव सोसाइटी, महाराष्ट्र ने भी बैंक को बंद करने और बैंक के लिए एक परिसमापक नियुक्त करने का आदेश जारी करने का अनुरोध किया गया है।
डिपॉजिटर्स को भुगतान करने में असमर्थ होगा बैंक
आरबीआई ने कहा कि बैंक का जारी रहना उसके जमाकर्ताओं के हितों के प्रतिकूल है, बैंक अपनी वर्तमान वित्तीय स्थिति के साथ अपने जमाकर्ताओं को पूर्ण भुगतान करने में असमर्थ होगा और यदि इसे जारी रखने की अनुमति दी जाती है तो जनहित पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
'बैंकिंग' का व्यवसाय करने से किया गया प्रतिबंधित
इसका लाइसेंस रद्द करने के परिणामस्वरूप, सरजेरोदादा नाइक शिराला सहकारी बैंक लिमिटेड, शिराला, जिला सांगली, महाराष्ट्र, को 'बैंकिंग' का व्यवसाय करने से प्रतिबंधित किया गया है, जिसमें जमा की स्वीकृति और जमा की रीपेमेंट शामिल है।
डिपॉजिटर्स को कितने पैसे मिलेंगे वापस?
परिसमापन पर, प्रत्येक डिपॉजिटर जमा बीमा और क्रेडिट गारंटी निगम (DICGC) से 5,00,000 रुपये की सीमा तक जमा बीमा दावा राशि प्राप्त करने का हकदार होगा।
मालूम हो कि आरबीआई ने कहा कि 27 जनवरी 2022 तक, डीआईसीजीसी ने बैंक के संबंधित जमाकर्ताओं से प्राप्त इच्छा के आधार पर डीआईसीजीसी अधिनियम, 1961 की धारा 18 ए के प्रावधानों के तहत कुल बीमित जमा राशि में से 64.70 करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं।