- महंगाई को कम करने सहित भारतीय रिजर्व बैंक के सामने कई चुनौतियां हैं।
- गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में एमपीसी बैठक 6 जून को शुरू हुई थी।
- बैठक में सभी छह सदस्यों ने आम सहमति से दरें बढ़ाने का फैसला लिया।
RBI Monetary Policy June 2022 Announcement: बुधवार को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) के फैसलों की घोषणा की। ऐसे में केंद्रीय बैंक ने एक अनिर्धारित पॉलिसी रिव्यू में रेपो रेट बढ़ाने का फैसला लिया। गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि बेंचमार्क ब्याज दर 50 बीपीएस बढ़ाकर 4.90 फीसदी कर दी गई है। रूस और यूक्रेन में जारी युद्ध से दुनिया भर में मुद्रास्फीति बढ़ी है। ऐसे में लगातार बढ़ रही महंगाई के बीच केंद्रीय बैंक के सामने कई चुनौतियां हैं। एमएसएफ रेट 5.15 फीसदी और एसडीएफ रेट 4.65 फीसदी हो गई है।
अर्थव्यवस्था और महंगाई पर जताया अनुमान
चालू वित्त वर्ष 2022-23 में आरबीआई ने आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को 7.2 फीसदी पर बरकरार रखा है। अप्रैल में रिटेल इन्फ्लेशन आठ साल के उच्च स्तर 7.79 फीसदी पर रही, जो केंद्रीय बैंक के संतोषजनक स्तर से कहीं ज्यादा है। केंद्रीय बैंक को खुदरा महंगाई दो से छह फीसदी के दायरे में रखने की जिम्मेदारी मिली हुई है। वित्त वर्ष 2023 के लिए मुद्रास्फीति का अनुमान पहले के 5.7 फीसदी से बढ़ाकर 6.7 फीसदी कर दिया गया है।
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टमाटर और क्रूड ऑयल की कीमत से बढ़ी महंगाई
शहरी मांग सुधर रही है। ग्रामीण इलाकों में भी मांग में धीरे-धीरे सुधार आ रहा है। रेपो रेट अब भी महामारी के पहले से स्तर से नीचे है। सामान्य मानसून, सरकार द्वारा किए गए उपायों से महंगाई में कमी आ सकती है। मुद्रास्फीति के ऊपर जाने का रिस्क बना हुआ है। हाल में टमाटर और क्रूड ऑयल की कीमत में उछाल से महंगाई बढ़ी है।
रेपो रेट बढ़ने से आप पर क्या होगा असर?
रेपो रेट बढ़ने का सीधा असर लोन ग्राहकों पर पड़ेगा। अब होम लोन, ऑटो लोन, पर्सनल लोन, आदि और महंगे हो जाएंगे। मालूम हो कि देश में 22 मई 2020 के बाद 4 मई को केंद्रीय बैंक ने रेपो रेट बढ़ाई थी। अब आज इसमें दोबारा इजाफा किया गया, जिससे लोन ग्राहकों को झटका लगा। ग्राहकों पर लोन की ईएमआई का बोझ बढ़ जाएगा। उल्लेखनीय है कि जिस दर पर कमर्शियल बैंक आरबीआई से उधार लेते हैं, उसे रेपो रेट कहा जाता है।
भारतीय रिजर्व बैंक ने सहकारी बैंकों द्वारा दिए गए व्यक्तिगत हाउजिंग लोन की सीमा 100 फीसदी से अधिक बढ़ा दी है। दास ने कहा कि क्रेडिट कार्ड को यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) से जोड़ने का प्रस्ताव किया गया है, जिसका मकसद यूपीआई का दायरा बढ़ाना है। इसकी शुरुआत रूपे क्रेडिट कार्ड से होगी। इससे ग्राहकों को यूपीआई मंच से पेमेंट करना और आसान होगा। फिलहाल यूपीआई बचत या चालू अकाउंट को जोड़कर लेनदेन को आसान बनाता है।
एक्सपर्ट की राय
वॉयस ऑफ बैंकिंग के फाउंडर अशवनी राणा ने कहा कि, 'रिजर्व बैंक के फिर से रेपो रेट 50 बेसिक पॉइंट को बढ़ाने से लोन लेने वाले बैंक ग्राहकों को एक बार फिर से झटका लगा है। महंगाई को नियंत्रित करने के लिये इससे पहले 4 मई को ही रेपो रेट में 40 बेसिक पॉइंट की वृद्धि और सीआर आर में 50 बेसिक पॉइंट की वृद्धि की थी। इसके कारण बैंकों ने जहां लोन पर ब्याज दर बढ़ा दिया था वहीं इस वृद्धि से फिक्स्ड डिपॉजिट पर भी ब्याज दर को बढ़ाया गया है। जिसका लाभ फिक्स्ड डिपॉजिट करवाने वाले ग्राहकों को मिलेगा। इस वृद्धि से जहां एक तरफ मेंहगाई को काबू करने की कोशिश होगी वहीं बैंकों से लोन लेने वाले ग्राहकों की लोन की किश्त पर भी इसका असर पड़ेगा।'