- छह जून 2022 को शुरू हुई आरबीआई की एमपीसी बैठक समाप्त हो गई है।
- आज केंद्रीय बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने अर्थव्यवस्था और महंगाई पर भी अनुमान जताया।
- आरबीआई महंगाई को नियंत्रित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है।
नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने आज 8 जून 2022 को अपनी नई क्रेडिट पॉलिसी (RBI Monetary Policy) का ऐलान किया है। केंद्रीय बैंक ने रेपो रेट में तो इजाफा किया ही है और साथ ही देश की अर्थव्यवस्था और महंगाई पर भी अनुमान जताया है। गवर्नर शक्तिकांत दास (Governor Shaktikanta Das) ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था पर अभी मजबूत बनी हुई है और हम मुद्रास्फीति को अपने लक्ष्य के दायरे में लाने के लिए कदम उठा रहे हैं, महंगाई दर चालू वित्त वर्ष की पहली तीन तिमाहियों में 6 फीसदी से ऊपर बने रहने की आशंका है।
चालू वित्त वर्ष में 6.7 फीसदी रह सकती है महंगाई दर
वित्त वर्ष 2023 में महंगाई 6.7 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है। महंगाई का यह आंकड़ा क्रूड ऑयल के 105 डॉलर प्रति बैरल के हिसाब से लगाया गया है। इसके लिए मॉनसून को भी ध्यान में रखा गया है। अप्रैल से जून में महंगाई 7.5 फीसदी रहने का अनुमान है। जुलाई से सितंबर में महंगाई दर 7.4 फीसदी रह सकती है। अक्टूबर से दिसंबर में मुद्रास्फीति की दर 6.2 फीसदी रह सकती है। वहीं वित्त वर्ष 2023 की आखिरी तिमाही यानी जनवरी से मार्च में महंगाई दर 5.8 फीसदी रह सकती है। दास ने कहा कि आगे महंगाई बढ़ने का खतरा बरकरार है।
7.2 फीसदी रह सकती है जीडीपी ग्रोथ रेट
आर्थिक वृद्धि दर की बात करें, तो वित्त वर्ष 2023 में जीडीपी ग्रोथ रेट 7.2 फीसदी रहने का अनुमान है। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि वैश्विक भू-राजनैतिक में चिंता बनी रहेगा। अप्रैल से जून में जीडीपी ग्रोथ 16.2 फीसदी हो सकती है। जुलाई से सितंबर में यह 6.2 फीसदी, अक्टूबर से दिसंबर तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 4.1 फीसदी और जनवरी से मार्च के बीच यह 4 फीसदी रह सकती है।
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