- केंद्रीय बैंक की 25वीं फाइनेंशियल स्थिरता रिपोर्ट जारी हो गई है।
- बैंकों और नॉन-बैंकिंग वित्तीय संस्थानों के पास झटके झेलने के लिए पर्याप्त पूंजी है।
- रिपोर्ट में कहा गया कि इकोनॉमी पुनरुद्धार के रास्ते पर है।
नई दिल्ली। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने एक बार फिर से क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) पर बड़ा बयान दिया है। शक्तिकांत दास ने क्रिप्टोकरेंसी को 'स्पष्ट खतरा' बताया है। विभिन्न हितधारकों और संस्थानों से इनपुट इकट्ठा करने के बाद केंद्र सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर एक परामर्श पत्र को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में है। गुरुवार को 25वीं फाइनेंशियल स्थिरता रिपोर्ट (FSR) जारी की गई। इसमें दास ने कहा कि जैसे- जैसे फाइनेंशियल सिस्टम डिजिटल होता जा रहा है, साइबर जोखिम भी बढ़ रहा है और इस पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
केंद्रीय बैंक के गवर्नर ने कहा कि, 'हमें उभरते जोखिमों से सावधान रहना चाहिए। क्रिप्टोकरेंसी स्पष्ट खतरा हैं। कोई भी चीज जो बिना किसी अंतर्निहित के विश्वास के आधार पर मूल्य प्राप्त करती है, सिर्फ एक परिष्कृत (sophisticated) नाम के तहत अटकलें है।' हाल के हफ्तों में क्रिप्टोकरेंसी में वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच भारी अस्थिरता देखी गई है।
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RBI ने पहली बार साल 2018 में क्रिप्टोकरेंसी के संबंध में एक सर्कुलर जारी किया था और विनियमित संस्थाओं को ऐसे उपकरणों में काम करने से रोक दिया था। हालांकि, साल 2020 की शुरुआत में सुप्रीम कोर्ट ने सर्कुलर को रद्द कर दिया था।
देश में क्रिप्टोकरेंसी स्पेस के संबंध में नियामक स्पष्टता अभी तक सामने नहीं आई है। 25वीं फाइनेंशियल स्थिरता रिपोर्ट में अर्थव्यवस्था (Indian Economy) के बारे में उन्होंने कहा कि यह वैश्विक स्पिलओवर और भू-राजनीतिक तनाव की ओर झुकी हुई है।
पुनरुद्धार के रास्ते पर है अर्थव्यवस्था
आगे उन्होंने कहा कि वित्तीय प्रणाली में पर्याप्त पूंजी है, बैंक अब लाभ के रास्ते पर हैं। बैंकों का सकल NPA अनुपात मार्च, 2022 में कम होकर छह साल के निचले स्तर 5.9 फीसदी पर पहुंचा। आरबीआई के मुताबिक अर्थव्यवस्था पुनरुद्धार के रास्ते पर है। हालांकि महंगाई (Inflation) के दबाव, रूस और यूक्रेन युद्ध (Russia Ukraine War) की वजह से उत्पन्न वैश्विक जोखिम के असर को देखते हुए चीजों का सावधानी से प्रबंधन करने की जरूरत है।