- भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड के निदेशक मंडल की बैठक में बड़ा फैसला लिया गया है।
- सेबी के कदम से ना सिर्फ बाजार का दायरा बढ़ेगा, बल्कि तरलता भी बढ़ेगी।
- सेबी और बाजार प्रतिभागियों के प्रतिनिधियों को लेकर एक कार्यकारी समूह बना है।
नई दिल्ली। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने बड़ा फैसला लिया है। पूंजी बाजार नियामक सेबी ने विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) को कमोडिटी डेरिवेटिव में एंट्री की मंजूरी दे दी है। इस फैसले का असर मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर होगा। इसके बाद मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) के शेयर में करीब 2.5 फीसदी से 3 फीसदी तक की तेजी दिखी गई। इतना ही नहीं, म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) और पोर्टफोलियो प्रबंधकों के संचालन से संबंधित नियमों में संशोधन को भी मंजूरी दे दी गई है। साथ ही प्रतिभूति अनुबंध नियमन (एसईसीसी) नियमन के प्रावधान में संशोधन को भी स्वीकृति दी गई।
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों को गैर-कृषि जिंस वायदा और चुनिंदा गैर-कृषि मानक सूचकांकों में कारोबार करने की अनुमति देना सेबी का सबसे अहम कदम है। शुरुआत में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों को कैश में ही सौदों के निपटान की अनुमति दी जाएगी।
सेबी ने जारी की विज्ञप्ति
सेबी ने निदेशक मंडल की बैठक के बाद एक विज्ञप्ति भी जारी की। इसमें कहा गया कि, एक्सचेंज ट्रेडेड कमोडिटी डेरिवेटिव (ETCD) बाजार में एफपीआई की भागीदारी से नकदी और बाजार दायरा बढ़ने की उम्मीद है । इससे पहले से बेहतर मूल्य सामने आएगा।
उल्लेखनीय है कि सेबी ने पहले ही श्रेणी तीन के अंतर्गत आने वाले वैकल्पिक निवेश कोष (एआईएफ), पोर्टफोलियो मेनेजमेंट सर्विस और म्यूचुअल फंड को एक्सचेंज ट्रेडेड कमोडिटी डेरिवेटिव बाजार में भागीदारी की अनुमति दे दी है।