- आरबीआई वित्तीय स्थिरता संबंधी चिंताओं का आकलन कर रहा है
- आरबीआई गवर्नर ने कहा कि हम रुपए की स्थिरता बनाए रखेंगे
- दास ने कहा कि सरकारी बैंकों के निजीकरण को लेकर सरकार के साथ चर्चा कर रहे हैं
IEC 2021 : कोरोना वायरस के फिर से बढ़ते खतरों के बीच टाइम्स नेटवर्क के इंडिया इकोनॉमिक कॉन्क्लेव 2021 का आयोजन नई दिल्ली में 25-26 मार्च को किया जा रहा है। इस कॉन्क्लेव का विषय है रिफॉम, परफॉर्म, ट्रांसफॉर्म। इस कॉन्क्लेव कई नामचीन हस्तियां शामिल हो रही हैं। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि 2008 के संकट के विपरीत, 2020 में वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए जोखिम अन्य सेक्टर्स से फाइनेंशियल सेक्टर तक है। उन्होंने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था अभी तक खतरे से बाहर नहीं है क्योंकि कोरोना वायरस के नए रूप उभर कर सामने आए हैं और इससे रिकवरी का खतरा है। उन्होंने किसी भी आकस्मिकता से निपटने के लिए भारत के बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्त कंपनियों में एक मजबूत जोखिम पहचान और शमन सिस्टम की तैयारी पर जोर दिया। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि बैंकिंग क्षेत्र के स्वास्थ्य को बनाए रखना केंद्रीय बैंक की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने टाइम्स नेटवर्क इंडिया एकोनॉमिक कॉन्क्लेव में कहा कि मजबूत पूंजी आधार के साथ बैंक क्षेत्र की वित्तीय सेहत, नैतिक मानदंडों के साथ संचालन व्यवस्था बनाये रखना हमारी प्राथमिकता है आरबीआई की प्राथमिकता प्रभावी विनियमन है, नियमन फिनटेक क्षेत्र में इनोवेशन के रास्ते में बाधा नहीं बनना चाहिए। पिछले साल लोगों को प्रत्यक्ष लाभ अंतरण उपब्ध कराने के लिए 274 करोड़ डिजिटल लेने-देन हुए। आरबीआई वित्तीय स्थिरता संबंधी चिंताओं का आकलन कर रहा है, क्योंकि यह आगे केंद्रीय बैंक की डिजिटल मुद्रा के लिए महत्वपूर्ण है।
शक्तिकांत दास ने कहा कि आरबीआई कीमत और वित्तीय स्थिरता बनाए रखते हुए अर्थव्यवस्था में पुनरुद्धार के लिए अपने सभी नीतिगत उपायों के उपयोग को लेकर प्रतिबद्ध है। देश में कोविड-19 संक्रमण के बढ़ते मामले में चिंता की बात, लेकिन इससे निपटने के लिये इस बार हमारे पास अतिरिक्त उपाय हैं। आर्थिक गतिविधियों का पुनरुद्धार निर्बाध रूप से जारी रहना चाहिए, वित्त वर्ष 2021-22 के लिए आरबीआई के 10.5% वृद्धि अनुमानों को घटाने की जरूरत नहीं लगती।
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि हम रुपए की स्थिरता बनाए रखेंगे। हम सरकारी बैंकों के निजीकरण को लेकर सरकार के साथ चर्चा कर रहे हैं, प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा। हमने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर अपनी चिंताओं से सरकार को अवगत कराया है, इस पर विचार किया जा रहा है, सरकार इस पर फैसला करेगी। मुझे नहीं लगता कि क्रिप्टोकरेंसी पर आरबीआई और सरकार की राय में कोई अंतर है। उन्होंने कहा कि इस समय किसी को भी पिछले साल जैसे लॉकडाउन की आशंका नहीं है।