मुंबई : भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने ब्याज दरों में आगे और कटौती के संकेत देते हुए गुरुवार (27 अगस्त) को कहा है कि कोविड-19 महामारी से अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए किए गए उपायों को जल्द नहीं हटाया जाएगा। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने एक कार्यक्रम में कहा कि चाहे दर में कटौती हो या फिर अन्य नीतिगत कदम, हमारे तरकश के तीर अभी खत्म नहीं हुए हैं।
आरबीआई ने छह अगस्त को जारी नीतिगत समीक्षा में रेपो दरों में कोई बदलाव नहीं किया था। केंद्रीय बैंक इससे पहले पिछली दो बैठकों में नीतिगत दर में 1.15% की कटौती कर चुका है। फिलहाल रेपो दर 04%, रिवर्स रेपो दर 3.35% और सीमांत स्थायी सुविधा (एमसीएफ) दर 4.25% है। उन्होंने कहा कि महामारी की रोकथाम के बाद अर्थव्यवस्था को मजबूती के रास्ते पर लाने के लिए सावधानी के साथ आगे बढ़ना होगा।
केंद्रीय बैंक द्वारा पिछले दिनों घोषित राहत उपायों के बारे में दास ने कहा कि किसी भी तरह से यह नहीं मानना चाहिए कि आरबीआई उपायों को जल्द हटा लेगा। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के प्रकोप और अन्य पहलुओं पर एक बार स्पष्टता होने के बाद आरबीआई मुद्रास्फीति और आर्थिक वृद्धि पर अपने पूर्वानुमान देना शुरू कर देगा।
उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर, बैंकिंग क्षेत्र लगातार मजबूत और स्थिर बना हुआ है और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का एकीकरण सही दिशा में एक कदम है। दास ने कहा कि बैंकों का आकार जरूरी है, लेकिन दक्षता इससे भी महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि बैंक तनाव का सामना करेंगे, यह जाहिर सी बात है, लेकिन अधिक महत्वपूर्ण यह है कि बैंक चुनौतियों के समक्ष किस तरह से प्रतिक्रिया देते हैं और उसका सामना करते हैं।