- साइबर क्राइम के मामलों में लगातार वृद्धि देखी गई है।
- भारत सरकार साइबर हमले की चेतावनी देते रहते हैं।
- साइबर हमलों से बचने के लिए भूलकर भी न करें ये गलतियां।
दुनियाभर में साइबर क्राइम के मामलों में लगातार वृद्धि देखी गई है। ऐसे में भारत सरकार साइबर हमले की चेतावनी देते रहते हैं ताकी लोग इससे सावधान रहें। साइबर हमले को सबसे खतरनाक खतरों में से एक माना जाता है। बता दें कि बिल गेट्स, एलन मस्क आदि जैसे कई बड़े हस्तियों के ट्विटर अकाउंट हैक हो चुका है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने साइबर हमलों और आइडेंटिटी चुराने के खिलाफ लोगों को खास रूप से चेतावनी दी है। वहीं सोमवार को सेंट्रल बैंक ने ट्वीट के जरिए कहा कि साइबर हमलों की संख्या बढ़ रही है और बैंक ग्राहकों को अपने पैसे सुरक्षित रखने के लिए अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत है।
ट्विट में लिखा है 'RBI कहता है... अपनी पर्सनल जानकारी को सुरक्षित रखें। आइडेंटिटी की चोरी से सावधान रहें'। इस ट्वीट के साथ उन्होंने एक GIF भी शेयर किया है जिसमें इस तरह के घोटालों से सुरक्षा के लिए बैंकिंग प्रथाओं का उल्लेख किया गया था।
साइबर हमलों से बचने के लिए क्या करना चाहिए
GIF में, RBI ने बताया कि साइबर हमलों से बचने के लिए ग्राहकों ओटीपी(वन टाइम पासवर्ड), यूपीआई पिन या अन्य बैंक डिटेल्स किसी के साथ शेयर नहीं करना चाहिए। जिफ में बताया गया है कि कैसे इन डिटेल्स का उपयोग कर धोखेबाजों द्वारा ग्राहकों की ओर से एक वर्चुअल भुगतान अकाउंट(वीपीए) क्रिएट किया जाता है। जिसका इस्तेमाल बाद में पैसे डेबिट करने के लिए किया जाता है।
आइडेंटिटी की चोरी
ऑनलाइन यूजर्स के लिए धोखेबाजों को पहचान करना ही मुश्किल नहीं है। इस साल की शुरुआत में अप्रैल में नॉर्टन लाइफ़लॉक ने अपनी वार्षिक साइबर सेफ्टी इनसाइट्स रिपोर्ट जारी किया था, जिसमें दिखाया गया कि भारत में लगभग 10 उत्तरदाताओं में 4 (39%) आइडेंटिटी की चोरी का अनुभव किया है, जबकि पिछले साल सिर्फ 10 प्रतिशत प्रभावित हुए थे।
आइडेंटिटी की चोरी को रोकने के लिए क्या करना चाहिए
आइडेंटिटी की चोरी को रोकने के लिए, आपको केयरफुल होने और ऑनलाइन शॉपिंग करते समय ऑफिशियल साइटों का उपयोग करना, सुरक्षित नेटवर्क का उपयोग करना, सिक्योर नेटवर्क का इस्तेमाल करना आदि जैसी चीजों का ध्यान रखें। इसके अलावा क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट और क्रेडिट रिपोर्ट पर नजर रखें।
साइबर घोटालों से कैसे बचें
क्लीन स्लेट: अगर आपने स्मार्टफोन, आईपैड या लैपटॉप जैसी कोई नई डिवाइस खरीदी है, तो अपनी पर्सनल डिटेल्स को प्राइवेट रखें, और अपने पुराने डिवाइस को क्लीन करें। अपने डॉक्यूमेंट, तस्वीर और अन्य महत्वपूर्ण डेटा का बैकअप तैयार रखें। फिर, अपनी किसी भी पर्सनल डिटेल्स को क्लीन करने के लिए निर्माता के निर्देशों का पालन करें।
पब्लिक चार्जिंग स्टेशन से बचें: किसी भी अंजान व्यक्ति से चार्जर लेने से बचें, या फिर सार्वजनिक यूएसबी चार्जिंग स्टेशनों का उपयोग करने से बचें। क्योंकि साइबर क्रिमिनल्स ने यह अच्छी तरह से जानते हैं कि चार्जिंग केबल में मैलवेयर को कैसे आरोपित किया जाए और शॉपिंग मॉल या फिर हमाई अड्डों में यूएसबी चार्जिंग स्टेशनों को हैक किया जाए।
वर्टिकल प्राइवेट नेटवर्क का इस्तेमाल करें: पब्लिक वाई-फाई नेटवर्क का उपयोग करना सुविधाजनक हो सकता है, लेकिन इन असुरक्षित नेटवर्क पर ब्राउज करते समय हैकर्स आपकी ऑनलाइन एक्टिविटी देख सकते हैं। इस जानकारी का उपयोग आपके पर्सनल अकाउंट को हैक या संवेदनशील जानकारी चुराने के लिए किया जा सकता है। एक वीपीएन सार्वजनिक वाई-फाई से कनेक्ट होने पर आपके डेटा के लिए एक सुरक्षित टयूनल बनाता है जो आपको ऐसे साइबर क्रिमिनल से बचने में मदद करता है।
फोन स्कैमर के बहकावे में न आएं: ध्यान दें कि माइक्रोसॉफ्ट या गूगल जैसी कंपनियां आपको यह नहीं बताएगी कि उन्होंने आपके कंप्यूटर पर वायरस डिटेक्ट किया है। अगर कोई बैंक, क्रेडिट कार्ड कंपनी या लोन अधिकारी अप्रत्याशित रूप से कॉल करता है और एटीएम पिन, क्रेडिट कार्ड डिटेल्स, ओटीपी आदि जैसी संवेदनशील जानकारी मांगता है, तो उन्हें तुरंत अपनी जानकारी न दें। संस्थान की कस्टमर सर्विस नंबर और किसी ऑफिशियल एजेंट से सीधे से बात करें तो पहले स्पष्टीकरण मांगे। बैंक कभी भी आपसे डिटेल्स जैसे पिन या फिर ओटीपी नहीं मांगता है।