- रिलायंस रिटेल का कारोबार तेजी से बढ़ रहा है।
- अगले 3 से 5 वर्षों में कम से कम तीन गुना वृद्धि करेगी।
- भारत में हर 8वां व्यक्ति रिलायंस रिटेल से खरीदारी करता है।
नई दिल्ली : रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी ने गुरुवार को कहा कि खुदरा कारोबार करने वाली समूह की कंपनी रिलायंस रिटेल का कारोबार 3 से 5 वर्ष में कम से कम तीन गुना हो जाएगा। उन्होंने कहा कि अगले तीन वर्षों में कंपनी 10 लाख से ज्यादा लोगों के लिए रोजगार के अवसरों का सृजन करेगी तथा और भी बहुत सारे लोगों के लिए आजीविका अर्जन को सक्षम बनाएगी।
अंबानी ने आरआईएल के शेयरधारकों की वार्षिक आम सभा में कहा कि रिलायंस रिटेल दुनिया की सबसे तेज वृद्धि दर्ज करने वाली खुदरा कारोबारियों में है। कंपनी लक्ष्य दुनिया की शीर्ष 10 खुदरा कंपनियों में जगह बनाना है। कंपनी की योजना अगले तीन वर्षों में अपनी ई-कॉमर्स इकाई जियो मार्ट से एक करोड़ से ज्यादा व्यापार भागीदारों को जोड़ना है। अंबानी ने कहा कि मुझे यकीन है कि रिलायंस रिटेल तेज वृद्धि के रास्ते पर बढ़ते हुए अगले तीन से पांच वर्षों में कम से कम तीन गुना वृद्धि करेगी। अंबानी ने कहा कि कंपनी अपनी सेवा का विस्तार करने के लिए व्यापार इकाइयों का अधिग्रहण करना जारी रखेगी। उसने हाल ही में नेटमेड्स, अर्बन लैडर और जिवामे जैसी डिजिटल कंपनियों का अधिग्रहण किया है।
चुनौतीपूर्ण वर्ष होने के बावजूद रिलायंस रिटेल ने वित्तीय वर्ष 2020-21 में 1,53,818 करोड़ रुपए का राजस्व हासिल और 9,842 करोड़ रुपए का कर पूर्व लाभ हासिल किया। उन्होंने कहा कि कंपनी इस समय किराना, इलेक्ट्रानिक सामान और परिधानों के खुदरा कारोबार में सबसे ऊपर है। अंबानी ने कहा कि आज भारत में हर आठवां व्यक्ति रिलायंस रिटेल से खरीदारी करता है। रिलायंस रिटेल हर रोज 30 लाख नग किराना के सामान बेचती है।
उन्होंने कहा कि हमारे परिधान के कारोबर में साल में 18 करोड़ नग परिधान बेचे गए जो रोजगाना करीब 5 लाख नग की बिक्री के बराबर है। इतने में ब्रिटेन, जर्मनी और स्पेन तीनों की आबादी के वस्त्र की जरूरत पूरी हो सकती है। उन्होंने कहा कि जियोमार्ट से 150 शहरों के तीन लाख से ज्यादा दुकानदार जुडे़ है और इससे उनको अपने कारोबार का कायकल्प करने में मदद मिली है।
रिलायंस रिटेल ने 2020-21 में फ्यूचर समूह के खुदरा और लाजिस्टिक्स कारोबार को खरीदने का सौदा किया था। इस सौदे के खिलाफ अमेजन की शिकायतों को बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट के फैसला की प्रतीक्षा में है। पिछले वित्त वर्ष में कंपनी ने विदेशी निवेशकों से 47,265 करोड़ रुपए की पूंजी जुटायी जो देश में पूंजी पूंजी जुटाने का अब तक का सबसे बड़ा अभियान रहा है।