- आरबीआई के निदेशक मंडल की बैठक में आर्थिक परिदृश्य की समीक्षा की गई।
- बैठक में भू-राजनीतिक घटनाक्रम के संभावित असर का आकलन किया गया।
- साथ ही पिछले वित्त वर्ष में आरबीआई के कामकाज की भी समीक्षा की गई।
नई दिल्ली। 20 मई 2022 को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गर्वनर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) की अध्यक्षता में केंद्रीय बैंक के सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की बैठक हुई। यह बैठक मुंबई में आयोजित हुई थी। इसमें वित्त वर्ष 2021-22 के लिए सरकार को दिए जाने वाले लाभांश को लेकर फैसला लिय गया।
सरकार को कितने मिलेंगे पैसे?
भारतीय रिजर्व बैंक के निदेशक मंडल ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए केंद्र सरकार को 30,307 करोड़ रुपये देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इस संदर्भ में एक बयान में आरबीआई ने कहा कि उसके निदेशक मंडल की बैठक में तय किया है कि वित्त वर्ष 2021-22 के लिए सरकार को 30,307 करोड़ रुपये अधिशेष राशि का पेमेंट किया जाएगा।
बैठक में कौन-कौन था शामिल?
इस बैठक में उप गवर्नर महेश कुमार जैन, डॉ. माइकल देवब्रत पात्र, एम. राजेश्वर राव, टी. रबी शंकर के साथ केंद्रीय बोर्ड के अन्य निदेशक सतीश के. मराठे, एस. गुरुमूर्ति, रेवती अय्यर और प्रो. सचिन चतुर्वेदी ने भाग लिया था। इनके अलावा इस बैठक में आर्थिक कार्य विभाग के सचिव अजय सेठ और वित्तीय सेवाएं विभाग के सचिव संजय मल्होत्रा भी शामिल थे।
लाभांश के अलावा केंद्रीय बैंक ने एक और फैसला लिया। बैठक में केंद्रीय बैंक का आकस्मिक जोखिम बफर 5.50 फीसदी पर बनाए रखने का फैसला लिया गया है।
मालूम हो कि केंद्रीय बैंक ने जुलाई 2020 से मार्च 2021 तक की नौ महीने की अवधि के लिए पिछले साल मई में 99,122 करोड़ रुपये के लाभांश पेमेंट का ऐलान किया था। आरबीआई ने डिविडेंड के लिए वित्त वर्ष के आधार पर पेमेंट का सिस्टम लागू कर दिया है। जबकि उसके पहले तक आरबीआई जुलाई से जून की अवधि के आधार पर लाभांश का ऐलान करता था।