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RBI Policy: आरबीआई ने रेपो रेट में नहीं किया कोई बदलाव, 2021-22 में 9.5 फीसदी GDP ग्रोथ का अनुमान

Updated Aug 06, 2021 | 12:00 IST

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने उम्मीदों के अनुरूप रेपो रेट को 4.0 फीसदी पर बरकार रखा है। इस सीधा मतलब है कि अभी आरबीआई की सबसे बड़ी चिंता महंगाई और आर्थिक रिकवरी है

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RBI Policy: आरबीआई ने रेपो रेट में नहीं किया कोई बदलाव
मुख्य बातें
  • आरबीआई के लिए बढ़ती महंगाई बनी चिंता, इस साल के लिए महंगाई दर का अनुमान 5.1 फीसदी से बढ़ाकर 5.7 फीसदी किया
  • वित्त वर्ष 2021-22 में जीडीपी ग्रोथ रेट 9.5 फीसदी रहने का अनुमान
  • अर्थव्यवस्था में असमान रिकवरी ने आरबीआई की बढ़ाई चिंता

नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो रेट को 4 फीसदी पर बरकार रखा है। ऐसे में ईएमआई पर फौरी राहत नहीं मिलने वाली है। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज आरबीआई की द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा नीति पेश करते हुए, इस बात का ऐलान किया । रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं होने से साफ है कि आरबीआई अभी एकोमोडेटिव नजरिया बनाए हुए है। इस नजरिए के जरिए आरबीआई का  मानना है कि अर्थव्यवस्था में इस समय रिकवरी के संकेत दिख रहे हैं। ऐसे में किसी तरह का बदलाव उचित नहीं होगा। रेपो रेट 4 फीसदी रखने से रिवर्स रेपो रेट में भी कोई बदलाव नहीं हुआ है और वह 3.35 फीसदी पर बरकरार है। आरबीआई ने लगातार 7 वीं बार में ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। रेपो रेट इस समय पिछले 20 साल के सबसे निचले स्तर पर है।

महंगाई ने आरबीआई की बढ़ाई चिंता

आर्थिक सुस्ती के माहौल में आरबीआई के लिए बढ़ती महंगाई ने चिंता बढ़ा दी है। मई महीने में सीपीआई (रिटेल महंगाई दर) आरबीआई के अनुमान से कहीं ज्यादा रही थी। मई में महंगाई दर 6.30 फीसदी पहुंच गई थी। इसी तरह जून में यह थोड़ी घटकर 6.26 फीसदी रही, जबकि आरबीआई ने 6.0 फीसदी महंगाई का अनुमान लगाया था। इसीलिए आज मौद्रिक नीति का ऐलान करते हुए आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने मई महीने में महंगाई ज्यादा होने पर आश्चर्य जताया है।

मई और जून में उम्मीद से ज्यादा महंगाई होने के कारण अब आरबीआई ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए महंगाई दर के अनुमान को 5.1 फीसदी से बढ़ाकर 5.7 फीसदी कर दिया है। उसके अनुसार दूसरी तिमाही में महंगाई दर 5.9 फीसदी, तीसरी तिमाही में 5.3 फीसदी, और चौथी तिमाही में 5.8 फीसदी महंगाई रहने का अनुमान जताया है।

ग्रोथ रेट पर भरोसा कायम

आरबीआई के अनुसार साल 2021-22 में जीडीपी ग्रोथ 9.5 फीसदी रहने की उम्मीद है। जो कि उसके पहले के अनुमान के अनुसार है। अर्थव्यवस्था में रिकवरी के संकेत को देखते हुए ही आरबीआई ने ब्याज दरों में कटौती से दूरी बनाई है। हालांकि आरबीआई गवर्नर ने अर्थव्यवस्था में असमान रिकवरी पर चिंता जताई है। उनके अनुसार कुछ सेक्टर तो रिवाइव हो रहे हैं। वहीं कुछ सेक्टर में उम्मीद के अनुसार रिकवरी नहीं हो रही है।
 

कोरोना का खतरा टला नहीं

पॉलिसी का ऐलान करते हुए आरबीआई गवर्नर ने कहा कि कोरोना का खतरा अभी टला नहीं है। ऐसे में हमें सतर्क रहने की जरूरत है। खास तौर से तीसरी लहर पर सतर्क रहना होगा। आज की मौद्रिक समीक्षा नीति पर कमेटी के 6 सदस्यों में से 5 सदस्यों ने रेपो रेट में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं करने के पक्ष में अपना मत दिया।

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