नई दिल्ली : खाने के वस्तुओं के दाम बढ़ने से खुदरा महंगाई दर (Retail inflation) सितंबर महीने में बढ़कर 7.34% रही। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित महंगाई दर अगस्त में 6.69% और सितंबर 2019 में यह 3.99% थी। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) के सोमवार को जारी आंकड़े के अनुसार खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर सितंबर में 10.68% रही जो अगस्त में 9.05% थी। भारतीय रिजर्व बैंक नीतिगत दर पर विचार करते समय मुख्य रूप से खुदरा मुद्रस्फीति पर गौर करता है।
इससे पहले, जनवरी 2020 में मुद्रास्फीति 7.59% थी। अक्टूबर 2019 तक मुद्रास्फीति करीब 4% के आसपास थी। आंकड़ों के अनुसार खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर सितंबर में बढ़कर 10.68% हो गयी जो अगस्त में 9.05% थी। सब्जियों की महंगाई दर सितंबर महीने में बढ़कर 20.73% रही जो इससे पूर्व माह में 11.41% थी। इसी प्रकार, फलों की मुद्रास्फीति अगस्त के मुकाबले सितंबर माह में बढ़ी। एनएसओ के आंकड़े के अनुसार अंडे की महंगाई दर सितंबर महीने में बढ़कर 15.47% पहुंच गयी जो अगस्त में 10.11% थी।
इक्रा की अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि सितंबर में खुदरा महंगाई दर में वृद्धि अनुमान से परे है। उन्होंने कहा कि हालांकि खाद्य वस्तुओं की ऊंची मुद्रास्फीति अस्थायी है। अनुकूल तुलनात्मक आधार प्रभाव और खरीफ फसलों की आवक के साथ इसमें गिरावट दिखेगी। लेकिन 2020-21 और इसी वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में औसत मुद्रास्फीति का आंकड़ा अधिक रह सकता है।
मांस, मछली, दलहन और उसके उत्पादों की खुदरा मुद्रास्फीति भी मासिक आधार पर ऊंची रही। हालांकि अनाज और उसके उत्पाद तथा दूध एवं उसके उत्पादों की महंगाई दर नीची रही। सरकारी आंकड़े के अनुसार उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति ईंधन और प्रकाश खंड में घटकर सितंबर में 2.87% रही जो एक महीने पहले 3.10% थी।
नायर ने कहा कि हालांकि समग्र खुदरा मुद्रास्फीति का आंकड़ा ऊंचा बना हुआ है, पर मुख्य मुद्रास्फीति (विनिर्मित वस्तुओं संबंधी महंगाई दर) पिछले तीन महीने से अपेक्षाकृत स्थिर बनी हुई है और यह राहत देने वाली बात है। इससे फरवरी 2021 में नीतिगत दर में कटौती की उम्मीद बनी हुई है।
सरकार ने रिजर्व बैंक को खुदरा मुद्रास्फीति 2% घट-बढ़ के साथ 4 प्रतिशत पर रखने का लक्ष्य दिया हुआ है। केंद्रीय बैंक नीतिगत दर पर विचार करते समय मुख्य रूप से खुदरा मुद्रास्फीति पर गौर करता है। पिछले सप्ताह, मौद्रिक नीति समीक्षा के दौरान आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था कि खुदरा मुद्रास्फीति का चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में लक्ष्य के आसपास रहने का अनुमान है।
एक्यूट रेटिंग्स एंड रिसर्च के मुख्य विश्लेषण अधिकारी सुमन चौधरी ने कहा कि मुद्रास्फीति का आंकड़ा बाजार की उम्मीदों के विपरीत है। अगले कुछ महीनों में खाद्य वस्तुओं के दाम नरम होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि स्पष्ट रूप से अनुकूल मानसून और कृषि उत्पादन बेहतर रहने के बावजूद आपूर्ति संबंधी बाधाएं बनी हुई हैं। हमारी चिंता बिना वृद्धि के महंगाई दर बढ़ने का खतरा बढपे को लेकर है । आरबीआई ने अगले वित्त वर्ष में भी नरम रुख बनाये रखने की बात कही है। लेकिन मुद्रस्फीति में वृद्धि निश्चत रूप से नीति निर्माताओं के लिये चिंता का कारण है। खुदरा मुद्रास्फीति की गणना के लिये 1,114 शहरी बाजारों और 1,181 ग्रामीण क्षेत्रों से कीमत आंकड़े एकत्रित किये गये।